कोरबा। नागरिकता संशोधन कानून सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ राष्ट्रीय जन आन्दोलन के तहत संविधान बचाओ-देश बचाओ आन्दोलन की कड़ी में आज ओपन थिएटर मैदान में जनसमूह को वक्ताओं ने संबोधित किया। नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं करने की मांग दोहराई गई। वक्ताओं ने केन्द्र सरकार और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि हम तुम्हारी नफरत से अपनी मोहब्बत से लड़ने का काम करेंगे। जनसभा के बाद कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम कोरबा एसडीएम सुनील कुमार नायक को ज्ञापन सौंपकर इस कानून को अविलंब वापस लेने की मांग की गई।
विशाल जनसभा को पूर्व विधायक सहारनपुर उत्तर प्रदेश इमरान मसूद, उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री शायान मसूद ने संबोधित कर कहा कि जब देश में कोई पार्टी अपनी सरकार बना लेती है तो वह सबकी पार्टी हो जाती है, किसी एक की नहीं रहती लेकिन यह पार्टी उस कानून को जबरन देश की जनता पर लागू करना चाहती है जिसे जनता ने नकार दिया है, ठुकरा दिया है। गृहमंत्री अमित शाह बोल रहे हैं कि हम एक भी कदम पीछे नहीं हटेंगे किंतु हमारा मकसद उन्हें एक कदम पीछे हटाना नहीं बल्कि सूपड़ा साफ करना है। हमारा मकसद यह बताना भी है कि हम तुम्हारी नफरत से अपनी मोहब्बत से लड़ने का काम करेंगे। तुम सितम करना, हम सब्र करेंगे और सब्र मुतहिद होकर करेंगे। हजारों की संख्या में उपस्थित को लाखों में बदलने का आह्वान कर कहा कि अपनी लड़ाई और अपनी बात को इसी तरह तादादों में दर्ज कराते रहना है। इमरान मसूद ने कहा कि आज देश के अंदर चारों तरफ नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आवाज उठ रही है। तारीख उठाकर देख लें, आरएसएस और बीजेपी वाले लोग तारीख नहीं जानते। इन्हें नहीं पता कि इतिहास क्या है? एक जंग हमने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी थी और अब आरएसएस व भाजपा के लोगों से लड़ेंगे।
जनसभा को पूर्व विधायक राज्यमंत्री दर्जा डॉ. छबिलाल रात्रे, आदिवासी संगठन दिल्ली के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजू मुर्मू, माकपा राज्य सचिव संजय पराते, एटक प्रदेश महासचिव का. हरिनाथ सिंह, भीम रेजिमेंट छग के अध्यक्ष दिनेश चतुर्वेदी, मसीही समाज रायपुर के प्रवक्ता अखिलेश ऐडगार, संघर्ष समिति के संचालक सदस्य डॉ. जयपाल सिंह, कोषाध्यक्ष मदन पासवान, सुनील पाटले, पुष्कर आदिले, ओमप्रकाश खुसरो, तनवीर अंसारी, अनिल द्विवेदी, मो. युनूस, संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष हाजी अकलाख खान, संयुक्त संघर्ष समिति के महासचिव गोपाल ऋषिकर भारती ने संबोधित कर कहा कि जब तक भाजपा की केन्द्र सरकार यह एनआरसी, सीएए, एनपीआर कानून वापस नहीं लेगी तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ने इस कानून को लागू नहीं करने का ऐलान कर दिया है। दूसरे राज्यों ने भी अपने यहां कानून लागू नहीं करने की बातें कही हैं। पूरे देश में विरोध का माहौल है और सरकार को इस मसले पर पीछे हटना ही होगा। जनसभा में हजारों की संख्या में युवा, महिलाएं, पुरूषों ने शामिल होकर नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की मांग रखी।