रायपुर-मुंगेली/ भाजपा शुरू से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़, इसे विशेष मुद्दा बनाकर छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाने सफल हुई हैं, चाहे केंद्र की बात करें या राज्य की, भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को बखुबी उठाया। छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद से कई बड़े फैसले लिए गये हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय हमेशा कहते हैं कि राज्य में भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, जिसके चलते उन्होंने कई अहम फैसले भी लिए।भ्रष्टाचार और घोटालों की पर्याय बनी मुंगेली नगर पालिका वर्तमान में अपनी बदहाली पर खुद आंसू बहा रही है। मुंगेली नगर पालिका के हाईप्रोफाइल मवेशी बाजार की वसूली राशि के गबन मामले में पुलिस ने अपराध तो दर्ज कर लिया है जिसके बाद जांच में CMO मोरिस राज सिंह जो कि मुंगेली नगर पालिका के तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक थे, और तत्कालीन कैशियर यतेंद्र पांडेय सहित एक अन्य कर्मचारी पंप ऑपरेटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैं। तीनों आरोपी फिलहाल अभी भी जेल में हैं। मामले में आरोपियों के विरुद्ध 420,408,409,467,468,471,201,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध हैं। जिसमें सीएमओ मोरिराज का मुंगेली जिला न्यायालय से जमानत याचिका खारिज भी हो चुका हैं।
भ्रष्ट सीएमओ अनुभव डेढ़ माह से छुट्टी में…
मवेशी बाजार वसूली राशि के गबन मामले में जब से विभागीय जांच में सीएमओ अनुभव सिंह को भी दोषी, उत्तरदायी बताया गया हैं तब से उनकी रातों की नींद गायब हो चुकी थी पर जब इस मामले में पुलिस द्वारा पहली गिरफ्तारी 25 जून को की गई तो उसके बाद 28 जून से आज दिनांक 11 अगस्त तक सीएमओ अनुभव अवकाश पर हैं, हालांकि अनुभव सिंह के लंबे अवकाश को लेकर मुंगेली में तरह-तरह की चर्चाएं हैं, प्राप्त जानकारी के मुताबिक 9 अगस्त तक सीएमओ छुट्टी पे हैं और 10 अगस्त और 11 अगस्त को अवकाश हैं ही, ऐसे में अब देखना हैं कि भ्रष्टाचार के रंग में रंगे सीएमओ अनुभव 12 अगस्त को कार्यालय आएंगे या फिर छुट्टी ले लेंगे ?
विभागीय जांच में पुष्टि फिर कार्रवाई के देरी क्यों ? कौन बचा रहा भ्रष्ट सीएमओ अनुभव को….
नगरपालिका में मवेशी बाजार की पंजीयन शुल्क की रसीद में कूटरचना करके बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है सरकार को राजस्व क्षति पहुचाकर सिंडिकेट बनाकर करोड़ो की राशि का बंदरबांट किया गया हैं। मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने अब तक नगरपालिका के 3 अधिकारियों, कर्मचारी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया हैं। नगरीय प्रशासन के उच्च स्तरीय जांच में दोष स्पष्ट लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम फाइल अधिकारियों के केबिनों में घूम रही हैं। वही इस मामले पर बड़ा खुलासा और घोटालों को अंजाम दे रहे अधिकारी और पदाधिकारी राडार में है जिसका साक्ष्य जुटाने में पुलिस जुटी हुई है
मुंगेली नगरपालिका के मवेशी बाजार में मवेशियों की क्रय विक्रय पर पंजीयन शुल्क की वसूली पर जमकर घोटाला किया गया है इस मामले पर जल्द ही पर्दाफाश होने वाला है करोड़ो का घोटाला उजागर होगा मामले पर कई अधिकारी,कर्मचारी,पदाधिकारी और षड्यंत्रकारी सलाखों के पीछे होंगे ? फिलहाल पुलिस की तफ्तीश जारी है जिसमे नगरपालिका के 3 राजस्व अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है बाकी के लिए पुलिस साक्ष्य जुटाने में लगी है।
विभाग के उच्च स्तरीय जांच में शिकायत की पुष्टि करते हुए गबन के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनुभव सिंह,तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक मोरिस राज सिंह और प्रभारी कैशियर यतेंद्र पांडे को उत्तरदायी पाया था लेकिन कार्रवाई अभी तक लंबित है…मामले पर सचिव स्तर पर कार्रवाई के लिए फाइल नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे दफ्तरों के चक्कर काट रहा है लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक विभागीय कार्रवाई नही हो सकी है…!
6 वर्षो का मामला…2017 से जुड़ा हैं मामले का तार…
दरअसल ये पूरा मामला नगरपालिका मुंगेली से जुड़ा हुआ है वर्ष 2017 से नगरपालिका द्वारा विभागीय वसूली किया जा रहा था इसी तारतम्य में नगरपालिका द्वारा मवेशी बाजार में बकरा-बकरी,भेड़ी-भेड़ के क्रय-विक्रय के लिए पंजीयन शुल्क क्रेता से की जाती है..वसूली के लिए राजस्व निरीक्षक व बाजार प्रभारी के द्वारा किया जाता रहा है जहां इस मामले पर मवेशी की खरीदी बिक्री की रसीद का पर्ण (मूलप्रति) प्रतिपर्ण (कार्बन कॉपी) पर कूटरचना करके करोड़ों का खेला किया गया हैं, इसमें षड्यंत्रकारियों के द्वारा मवेशी बाजार में काटी गई रसीद की मूल प्रति में भारी भरकम राशि वसूली करके प्रतिपर्ण रसीद में घर बैठकर मामूली राशि भरकर राजस्व विभाग में जमा किया जाता था बाकी शेष राशि को सिंडिकेट बनाकर बंदरबांट कर किए जाने का खुलासा हुआ है!
कई अफसर और जनप्रतिनिधि भी राडार पर ?
मामले पर गिरफ्तार अधिकारियों के मोबाइल अकाउंट को खंगाले जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह हैं कि पूरे मुंगेली की जनता की बीच 4-5 जनप्रतिनिधियों के नाम की चर्चा भी इस घोटाले में आ रही हैं जिसे बचाने कई राज्य स्तर के नेता लगे हुए हैं। पुलिस घोटाले की कड़ी को हर पहलुओं से जोड़कर सबूत जुटा रही है जैसे जैसे घोटाले में संलिप्त लोगो के सबूत एकत्र होंगे वैसे ही पुलिसिया कार्रवाई कर गिरफ्तार किए जाएंगे इस मामले में कई अधिकारी,कर्मचारी,पदाधिकारी और षड्यंत्रकारी शामिल है जिसपर घोटाले में भूमिका की जांच हो रही हैं।