मुंगेली तत्कालीन SDM, CMO सहित जिला प्रशासन की दिखी बड़ी चूक, रोक के बाद कैसे हो गई अवैध प्लॉटिंग में रजिस्ट्री…? अधिकारियों की दिखी लापरवाही…
जलप्रवाह क्षेत्र के संरक्षण को लेकर जिला प्रशासन क्यों नहीं हैं गंभीर…? विचारणीय…
मुंगेली-बिलासपुर – 7 अगस्त 2024 को बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर तखतपुर तहसील के ग्राम नगोई में प्राकृतिक नाले को पाटकर जलबहाव बाधित करने वाले भवन निर्माण को ढहा दिया गया। अवैध कब्जा धारी को 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। अवैध कब्जा हटा दिए जाने से प्राकृतिक जल बहाव पूर्व की तरह बहाल हो गई है।
मामले में एसडीएम तखतपुर डॉ. ज्योति पटेल ने बताया कि ग्राम नगोई तहसील तखतपुर में लता अग्रवाल पति पंकज अग्रवाल द्वारा ग्राम में प्राकृतिक जल बहाव व नाले को पाटकर बाउंड्रीवाल व कमरे का निर्माण कर राईस मिल विकसित किया जा रहा था। उन्होंने तहसीलदार को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। तहसीलदार तखतपुर सोनू अग्रवाल द्वारा बेदखली आदेश जारी किया गया तथा 7 अगस्त को मौके पर उपस्थित होकर जेसीबी से निर्माण कार्य को ध्वस्त किया गया। लता अग्रवाल द्वारा अपनी भूमि से लगी लगभग 1एकड़ भूमि पर मुरुम पाट दी गई थी। इस हेतु लगभग 50 लाख की लागत भूमि स्वामी को आई थी। उक्त पाटी गई मुरूम को हाइवा व जेसीबी की मदद से हटाकर प्राकृतिक पानी के बहाव को पुनः पूर्व स्वरूप में लाया गया। लता अग्रवाल पर उक्त कृत्य के लिए 10000/- शास्ति भी अधिरोपित की गई।
वहीं दूसरी ओर बिलासपुर से लगे मुंगेली जिले में भूमाफियाओं द्वारा जलप्रवाह वाले क्षेत्र को प्रभावित करते हुए अवैध प्लाटिंग की जा रही हैं, जिस पर जिला प्रशासन और नगर पालिका भी मौन हैं, आपको बता दे कि मुंगेली के अम्बेडकर वार्ड स्थित शिक्षक नगर में एक बड़े भूमाफिया और एक राजनीतिक दल में दखल रखने वाले बहरूपिया प्रकृति प्रेमी व जमीन दलाल के द्वारा नाले पर अवैध प्लाटिंग किया जा रहा था जिसकी शिकायत कलेक्टर, नगर पालिका और एसडीएम से की गई थी, इस मामले में पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा एक बार बुलडोजर भी चलवा मुरुमी रोड को आंशिक रूप से ध्वस्त भी किया गया था, उसके कुछ दिनों बाद ही भूमाफिया और उसके जमीन दलाल द्वारा वह गड्ढा पाट पुनः नाले में अवैध प्लाटिंग जारी रखा गया।
SDM, CMO मुंगेली सहित जिला प्रशासन की दिखी बड़ी चूक, रोक के बाद कैसे हो गई अवैध प्लॉटिंग में रजिस्ट्री…? अधिकारियों की दिखी लापरवाही…
भूमाफियाओं, जमीन दलालों, भ्रष्ट नेताओं और निष्क्रिय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मिलीभगत से मुंगेली जिले का नक्शा ही बदल गया हैं, जिसके कारण मुंगेली की जनता बेहद आक्रोशित हैं। आपको बता कि मुंगेली के शिक्षक नगर में नाले की जमीन पर भूमाफिया और उसके जमीन दलाल द्वारा अवैध प्लाटिंग की जा रही थी, शिकायत के बाद इस जमीन में एसडीएम ने जांच करवा कलेक्टर मुंगेली को उक्त जमीन पर नाले से लगकर अवैध प्लाटिंग होना स्वीकार भी किया गया, जिसका प्रतिवेदन एसडीएम ने कलेक्टर को भेजा गया जिसमें इस जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी गई हैं शब्द का उल्लेख भी किया गया, एसडीएम द्वारा कलेक्टर को भेजे गए इस प्रतिवेदन के करीब एक महीने बाद उसी जमीन खसरे में रजिस्ट्री हो गई, जो अधिकारियों और जिला प्रशासन की लापरवाही और नाकामी को दर्शाता हैं। शिक्षक नगर से होकर गुजरने वाले खड़खाडिया नाले की जमीन पर अवैध प्लाटिंग को लेकर नगर पालिका द्वारा भूमाफिया को नोटिस भी जारी किया गया था पर नगर पालिका और जिला प्रशासन इस भूमाफिया और जमीन दलाल के आगे लाचार दिख रहे हैं।
फिलहाल इस मामले में 23/07/2024 को कलेक्टर, एसडीएम, नगर पालिका सहित उच्चाधिकारियों से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गई हैं, मामले में जिला प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे फिलहाल जानकारी नहीं, पर शिकायतकर्ता ने कहा कि अन्य जिलों में नाला, नहर पाटने वालों पर कार्यवाही हो रही पर मुंगेली जिले में अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी हैं कि जो जलप्रवाह क्षेत्र की रक्षा जिला प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही, शिकायत के एक महीने के भीतर कड़ी कार्यवाही न होने पर वैधानिक कार्यवाही की बात कही गई हैं।
करीब दो वर्ष पूर्व किये गये कामचलाऊ कार्यवाही की तस्वीर