रायपुर.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आरंग में छात्रावास लोकार्पण के अवसर पर छात्राओं को सरस्वती सायकिल योजना के तहत सायकिल का वितरण किया। मुख्यमंत्री साय के पहुंचने पर छात्राओं ने सायकिल की घंटी बजाकर अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने छात्राओं को तिलक लगाकर मिठाई खिलाया।सरस्वती सायकिल योजना के तहत साइकिल पाने वाली आरंग की छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है।
सीएम साय ने छात्रा विनिता लोधी से पूछा कि बड़े होकर पढ़-लिखकर क्या बनना चाहोगी, छात्रा ने तत्काल कहा कि पुलिस बनकर जनता की सेवा करूंगी। सीएम ने शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला की 9 वीं कक्षा में अध्ययनरत बालिकाएं योगिता गडरिया, गायत्री निषाद, स्निग्धा निषाद, विनेश्वरी प्रजापति, निशा पाटले, इशा साहू देवकी साहू समेत कई छात्राओं को साइकिल दिया।
छात्राएं बताती है कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता था, लेकिन सायकिल मिलने से अब पैदल चलना नहीं पड़ेगा। बहुत कम समय में ही स्कूल और स्कूल से घर पहुंच जाएंगे। इस योजना का लाभ पाने वाली छात्राएं कहती है कि छत्तीसगढ़ सरकार की सरस्वती साइकिल योजना स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए काफी अच्छी योजनाएं है। इसके लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बहुत-बहुत धन्यवाद करते है। इस मौके पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री रामविचार नेताम व विधायक खुशवंत साहेब, कमिश्नर महादेव कावरे, कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह भी उपस्थित थे।
सीएम की घोषणा… छत्तीसगढ़ में फिर शुरू होगी चरण पादुका और सरस्वती साइकिल योजना
रमन सिंह सरकार की जिन योजनाओं को भूपेश बघेल की सरकार में बंद किया गया था उन्हें फिर से शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दो पुरानी योजनाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। दरअसल, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी। उसके बाद भूपेश बघेल ने रमन सिंह के कार्यकाल की कई योजनाओं को बंद कर दिया था।
छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही चरण पादुका वितरण योजना और सरस्वती सायकल योजना फिर से शुरू करने वाली है। गुरुवार को जगदलपुर में कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री यहां जिला स्तरीय महिला सम्मेलन में पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान साय ने रिमोट का बटन दबाकर महतारी वंदन योजना की 6वीं किश्त की राशि 70 लाख से अधिक महिलाओं के खाते में भेजी।
चरण पादुका वितरण योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ में नवंबर 2005 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने की थी। इस योजना के तहत तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले आदिवासियों को राज्य सरकार की तरफ से हर साल एक जोड़ी जूते दिए जाते हैं। पहले इस योजना में पुरुष शामिल थे। 2008 में इसमें महिलाओं को भी शामिल किया गया। पहले इस योजना के तहत जूते दिए जाते थे बाद में 2013 से जूते की जगह चप्पल मिलने लगी थी।
सरस्वती साइकल योजना की शुरुआत 2011 में तत्कालीन रमन सिंह की सरकार ने किया था। इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं क्लास की छात्राओं को नि:शुल्क साइकिल दी जाती है। साइकिल देने का मकसद था कि स्कूल दूर होने पर भी छात्राएं अपनी पढ़ाई जारी रखें। सुविधाओं के आभाव में वह पढ़ाई नहीं बंद करें।