नई दिल्ली। मुंबई में कोरोना के नए सब वैरिएंट XE के मामले मिले हैं या नहीं, इसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) आमने-सामने है। स्वास्थ्य मंत्रालय के करीबी सूत्रों ने बीएमसी के दावों के उलट कहा है कि मरीज के नमूने की जीनोम सिक्वेंसिंग XE वैरिएंट की पुष्टि नहीं करते हैं। इससे पहले बुधवार को बीएमसी ने दावा किया था कि 50 वर्षीय एक महिला जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, उसमें कोरोना का नया सब वैरिएंट XE की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमित महिला वैक्सीन की दोनों खुराके लगा चुकी है। बीएमसी के अनुसार, नए संस्करण की पुष्टि के लिए नमूना आगे के विश्लेषण के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (एनआईबीएमजी) को भेजा जाएगा। बीएमसी के दावे के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क हो गया है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने मरीज के नमूने में एक्सई वैरिएंट की मौजूदगी से इनकार किया है।
यह अब तक का सबसे संक्रामक कोविड संस्करण हो सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि एक्सई सब वैरिएंट ओमिक्रॉन के बीए.2 की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक प्रतीत होता है।
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वर्तमान में ओमिक्रॉन वैरिएंट के हिस्से के रूप में एक्सई म्यूटेशन को ट्रैक किया जा रहा है। ओमिक्रॉन के लक्षणों में बुखार, गले में खराश, खांसी, सर्दी, त्वचा में जलन इत्यादि होते हैं।
19 जनवरी को यूके में पहली बार इसका पता चलने के बाद से करीब 637 मामले सामने आए हैं।
यूके का स्वास्थ्य निकाय XD, XE और XF का अध्ययन कर रहा है। XD ओमिक्रॉन के BA.1 से निकला है। वहीं, XF डेल्टा और BA.1 का एक पुनः संयोजक संस्करण है।
रिपोर्ट में यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुसान हॉपकिंस के हवाले से कहा गया है कि इस तरह के वैरिएंट को “पुनः संयोजक” के रूप में जाना जाता है।
थाईलैंड और न्यूजीलैंड में भी XE वैरिएंट का पता चला है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि म्यूटेशन के बारे में और कुछ कहने से पहले और डेटा की आवश्यकता है।
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि एक्सई रोग की गंभीरता में अधिक गंभीर है। अब तक सभी ओमिक्रॉन वैरिएंट कम गंभीर देखे गए हैं।