मॉस्को। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ जारी जंग में एक ने एक ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) स्पुतनिक वी (Sputnik V) के नेजल वर्जन (Nasal Version of Sputnik v) को पंजीकृत किया है. बताया जा रहा है कि रूस की यह नई वैक्सीन दुनिया की पहली (First Nasal Vaccine) नेजल वैक्सीन है। स्पुतनिक वी की तरफ से शनिवार को ट्वीट करके कहा गया- रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ दुनिया की पहली नाक से दी जाने वाली नेजल वैक्सीन जो कि स्पुतनिक वी का नेजल वर्जन है पंजीकृत किया है।
नेजल वैक्सीन को लेकर दुनियाभर के हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि इससे कोरोना की लड़ाई और आसान बन जाएगी और इस इंजेक्शन की तुलना में देना भी आसान होगा. दुनिया के कुछ और देश भी नेजल वैक्सीन की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन अभी सिर्फ रूस ही एक मात्र ऐसा देश है जो नेजल वैक्सीन बनाने में पूरी तरह से कामयाब हो पाया है. नाक से देने के कारण इसे इंट्रानेजल वैक्सीन भी कहा जाता है।
इससे पहले नेजल वैक्सीन को लेकर रूसी समाचार एजेंसी तास ने जनवरी महीने में कहा था कि कोविड 19 के खिलाफ नाक का टीका लोगों के लिए तीन से चार महीने में उपलब्ध हो जाएगा. गामालेया सेंटर के निदेश अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने समाचार एजेंसी को बताया था कि यह नेजल वैक्सीन कोरोना वायरस स्ट्रेन के खिलाफ काफी हद तक प्रभावकारी साबित होगा।
पिछले साल अक्टूबर में, रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय ने नाक स्प्रे के रूप में कोरोनवायरस वैक्सीन के परीक्षणों के दूसरे चरण के लिए गामालेया केंद्र को प्राधिकरण जारी किया था. स्पुतनिक वी वैक्सीन को आपातकालीन प्रयोग में देरी मिलने को लेकर कहा जा रहा है कि यूक्रेन पर हमला करने की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से वैक्सीने के मूल्यांकन की प्रक्रिया में देरी की गई।
आपको बता दें कि भारत में दी कोरोना से बचाव के लिए दी जाने वाली प्रमुख वैक्सीन में स्पुतनिक वी भी शामिल है. रूस की इस वैक्सीन को भारत में पहली बार मई 2021 में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई थी. और इस वैक्सीन की करीब 1.50 लाख डोज की पहली खेप 1 मई भारत में उतरी थी।