जेल में बंद आरोपी सहित परिजनों, रिश्तेदारों और करीबियों द्वारा मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, DGP, IG और SP से शिकायत कर खुलासे और उच्च स्तरीय जांच की मांग की कर रहे तैयारी…करीबियों ने दी जानकारी
रायपुर–मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका भ्रष्टाचार में अवार्ड जितने की पूरी काबिलियत रखता हैं, कुछ वर्षों में ही भ्रष्टाचार के ऐसे ऐसे मामले खुलासे हुए हैं जिससे मुंगेली नगर पालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को जेल भी जाना पड़ा और ये अभी भी न्यायालय में हाजिरी लगाते हैं क्योंकि अभी न्यायालय में इन लोगों का मामला लंबित हैं।
मुंगेली नगर पालिका के अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को रुपयों की इतनी भूख हैं कि उन्हें कानून, पुलिस और जेल का जरा भी डर नहीं हैं। इसीलिये ऐसे भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारी और जनप्रतिनिधि जनता और शासन के रुपयों का बंदरबांट कर अपनी जेबें भरते हैं।
हाल ही में अभी मवेशी बाजार वसूली ने हुए करोड़ों के गबन का मुद्दा छाया हुआ हैं। मवेशी बाजार की वसूली राशि के गबन मामले में पुलिस ने सिटी कोतवाली में अपराध दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 408, 409, 467, 468, 469, 471, 201 और 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया हैं जिसमें तत्कालीन राजस्व निरीक्षक और वर्तमान मुख्य नगर पालिका अधिकारी मोरिस राज सिंह, तत्कालीन कैशियर यतेंद्र पांडेय सहित एक अन्य कर्मचारी पंप ऑपरेटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया हैं।
वही दूसरी ओर नगर पालिका मुंगेली में सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ गौरव गुप्ता की ओर से मुंगेली जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत लगाया गया था जिसमें बचाव और अभियोजन पक्ष के तर्कों को सुन प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज शर्मा ने गौरव गुप्ता की अग्रिम जमानत खारिज कर दी, उन्होंने अग्रिम जमानत खारिज करते हुए कहा कि आवेदक उक्त अवधि में राजस्व प्रभारी के पद पर पदस्थ रहा, प्रकरण के अन्य आरोपीगण के द्वारा रसीद प्रतिपर्ण तथा कलेक्शन रजिस्टर को आवेदक के पास जमा करना बताया गया हैं प्रकरण में आवेदक के द्वारा विवेचना में सहयोग नहीं किया जा रहा, तथा उसे तलब किये जाने पर वह थाना उपस्थित न होकर सकूनत से फरार हैं इसीलिये अग्रिम जमानत खारिज कर दी गई। क्लर्क गौरव गुप्ता के अग्रिम जमानत खारिज होते ही कई अधिकारियों, कर्मचारियों और कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों की नींद उड़ गई हैं क्योंकि अगर कभी उनका नाम लेनदेन में कोई ले दे या प्रकरण की विवेचना में उनका कहीं प्रमाणित नाम आ जाये तो उन्हें भी बहुत तकलीफ होने वाली हैं। हालांकि इसमें एक बड़े खुलासे की बात सामने आ रही हैं।
सीएमओ अनुभव एक महीने की छुट्टी में…विभागीय जांच में सीएमओ अनुभव दोषी, फिर कार्रवाई के देरी क्यों ? आखिर कौन बचाने कर रहा प्रयास…
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के उच्च स्तरीय जांच में सीएमओ अनुभव सिंह को स्पष्ट तौर पे उत्तरदायी बताया गया हैं लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम फाइल कार्यालयों में घूम रही हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के उच्च स्तरीय जांच में शिकायत की पुष्टि करते हुए गबन के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनुभव सिंह, तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक मोरिस राज सिंह और प्रभारी कैशियर यतेंद्र पांडे को उत्तरदायी पाया था, जिसमें पुलिस जांच में 2 अधिकारियों मोरिराज और यतेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया हैं वहीं अभी तक सीएमओ अनुभव सिंह के खिलाफ मंत्रालय स्तर के अधिकारी कार्यवाही करने की बजाय पत्र व्यवहारों में ही उलझे हुए हैं ऐसे में ऐसी चर्चा हैं कि भ्रष्ट सीएमओ अनुभव सिंह को बचाने शासन स्तर में या प्रशासनिक स्तर में कई लोग सक्रिय हैं इसमें बड़ी राशि लेनदेन की भी चर्चा मुंगेली में जोरों पर हैं।
भ्रष्ट सीएमओ एक महीने से छुट्टी पर…छुट्टी का आज अंतिम दिन…
विभागीय गौर पे मिली जानकारी के अनुसार संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग बिलासपुर संभाग कार्यालय के पत्र क्रमांक 733/स्था/एक-1/ 2024 बिलासपुर दिनांक 28/06/2024 के आदेश में स्पष्ट उल्लेखित हैं कि नगर पालिका परिषद मुंगेली में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री अनुभव सिंह दिनांक 28.06.2024 से दिनांक 26.07.2024 तक स्वास्थ्यगत कारणों से अवकाश में होने के कारण श्री घनश्याम शर्मा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत सरगाँव को मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मुंगेली के पदीय दायित्वों के निर्वहन हेतु अधिकृत किया जाता है।
अब इस मामले में दिलचस्प बात यह हैं कि क्या भ्रष्ट सीएमओ अनुभव सिंह आज दिनांक 26/07/2024 को अवकाश समाप्त होने के बाद मुंगेली नगर पालिका के सीएमओ पद का प्रभार लेंगे या फिर अवकाश ले लेंगे ?
मामले में कई ऐसे गुप्त राज भी हैं जो समय में संबंधितों के द्वारा खोले जा सकते हैं, मुंगेली में यह चर्चा हैं कि इस मवेशी बाजार वसूली में हुए करोड़ों के गबन में करीब दर्जन भर से अधिक अधिकारी, कर्मचारी सहित राजनीतिक दल से जुड़े 4 पदाधिकारी भी शामिल हैं, फिलहाल यह सब जांच में स्पष्ट हो जाएगा कि इस भ्रष्टाचार में कितनों की भूमिका हैं ?
गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले में जेल में बंद आरोपियों के परिजनों, रिश्तेदारों और करीबियों द्वारा मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी, आईजी और एसपी से मामले के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुये उच्च स्तरीय जांच व कार्यवाही की मांग करने की जानकारी मिली हैं, जिसमें कई अधिकारी, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के नाम सामने आने की संभावना हैं। नाम उजागर न करने की शर्त पर करीबियों की ओर से सारी जानकारी दी गई हैं। वहीं दूसरी ओर यह भी जानकारी मिल रही हैं कि एक आरोपी के द्वारा उसके समय में हुए गबन मामले में अधिकारियों, कर्मचारियों और राजनीतिक पदाधिकारियों को पहुंचाये जाने वाली राशियों का ब्यौरा दिया गया हैं, हालांकि इसकी पुष्टि दैनिक भारत-भास्कर नहीं करता। अब देखना यह हैं कि आरोपियों के परिजनों, रिश्तेदारों या उनके करीबियों द्वारा वाकई शिकायत की जाएगी या नहीं ? भविष्य में इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की जानकारी मिल रही हैं।