रायपुर। प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन, वनोपज और खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जिसके प्रसंस्करण उद्योग स्थापित कर निर्यात की संभावनाएं बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य का कुल निर्यात 2 गुना हो गया है। भारत से अन्य देशों में होने वाले कुल निर्यात में छत्तीसगढ़ राज्य का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री लखमा ने यह बातें आज राजधानी रायपुर के होटल हयात में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन द्वारा आयोजित एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव के शुभारंभ अवसर पर कही। सर्वप्रथम वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखमा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम स्थल पर छत्तीसगढ़ के कोसा सिल्क, ब्रास मेटल, वनोपज, वन औषधि से तैयार उत्पादों आदि की प्रदर्शनी लगाई गई थी।
कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ से उत्पादन और निर्यात को बढ़ाने के लिए नई उद्योग नीति 2019-24 लागू की गई है। जिसमें फूड प्रोसेसिंग इकाई और वनोपज को भी उद्योग से जोडने के लिए बेहतर कार्य योजना की शुरूआत हुई है। जिसका सुखद परिणाम भी अब मिल रहा है। देश के कुल निर्यात में छत्तीसगढ़ राज्य का योगदान पिछले 2 वर्ष में 2 गुना हुआ है। इसे और बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। श्री लखमा ने कहा कि बस्तर सहित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में वनोपज, रागी, कोदो, कुटकी एवं स्थानीय उत्पाद की प्रोसेसिंग के लिए सभी जिलों में फूड पार्क स्थापित किया जा रहा है। आवश्यकता अनुसार इसका विस्तार भी किया जाएगा। जिससे लोगों को स्थानीय स्तर ही रोजगार उपलब्ध होगा। उद्योग मंत्री ने केन्द्र सरकार से रायपुर में एक्सपोर्ट कार्यालय खोलने की मांग की, ताकि निर्यात करने वालों की समस्याओं का निराकरण सरलता से हो सके।
छत्तीसगढ़ शासन के प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मनोज पिंगुआ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के समुचित प्रयास से हम निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूती से प्रयास कर रहे है। राज्य की उद्योग नीति को अधिक लचीला बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक उद्योगपतियों की भागीदारी संभव हो सके। साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से निर्यात की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। आने वाले समय में राज्य सरकार की मंशा के अनुसार हम निर्यात के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। राज्य में उपलब्ध खनिज और वन उपज जैसे संसाधनों का समुचित दोहन भी किया जा सकेगा। जिसका लाभ राज्य के लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि निर्यात करने वाले उद्योगों एवं व्यापारियों को राज्य सरकार के द्वारा निकटतम बंदरगाह तक पहुंचाने के लिए परिवहन अनुदान दिया जा रहा है।
कार्यक्रम को फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन के रीजनल चेयरमेन नंद किशोर कांग्लीवाल, वाइस प्रेसीडेंट खालिद खान और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने भी कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य में निर्यात की संभावनाओं और केंद्र सरकार की उद्योग नीति की विस्तृत जानकारी दी।