नई दिल्ली। केंद्र सरकार जल्द ही राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को परामर्श जारी कर जेल में आधी सजा काट चुके कैदियों को रिहा करने के लिए दंड विराम कमेटियां बनाने को कहेगी। केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा, कैदियों की ये रिहाई आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इस साल 15 अगस्त और अगले साल 26 जनवरी व 15 अगस्त को होगी। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई और राज्यों को परामर्श जारी करने का निर्णय लिया गया।
रिहा होने वाले कैदियों में 50 वर्ष की महिलाएं, 60 वर्ष के पुरुष, 50 वर्ष वाले ट्रांसजेंडर, 70 फीसदी विकलांगता वाले दिव्यांग, मरणासन्न रूप से बीमार, ऐसे गरीब जो सजा काटने के बाद जुर्माना नहीं देने के कारण जेल में हैं, शामिल हैं। इसके अलावा उन कैदियों को भी रिहा करने के लिए कहा जाएगा जिन्होंने 18 से 21 वर्ष की उम्र के बीच अपराध किया था और वे सजा की आधी अवधि काट चुके हैं व उनका व्यवहार संतोषजनक है।
रिहाई की तैयारी को कहा
प्रस्ताव में केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे दंड विराम, स्क्रीनिंग समितियां बनाएं और रिहाई के लिए तैयारी करें। गंभीर और संगीन अपराधों में सजा काट रहे दोषियों को यह रिहाई का लाभ नहीं दिया जाएगा। सलाह दी गई है कि सरकारें कैदियों की रिहाई के लिए सिफारिश राज्यपालों के समक्ष रखें। ऐसे मामले जहां केंद्र की संस्तुति की आवश्यकता होगी उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष भेजा जाएगा। विदेशी दोषियों को विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर रिहा किया जाएगा।