भोपाल
मध्यप्रदेश में एक जुलाई से यानी आज से प्रदेश की अंतर्राज्यीय सीमाओं पर परिवहन जांच चौकियां (RTO चेक पोस्ट) बंद हो गई है। नई व्यवस्था के तहत रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे।
दरअसल, प्रदेश में संचालित RTO चेक पोस्ट पर लगातार गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी। जिसके बाद सरकार ने इन्हें बंद कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद रविवार को परिवहन विभाग ने इसके आदेश जारी किए हैं। उधर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस नई व्यवस्था की जानकारी देकर इसका पालन कराने के लिए कहा है।
शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी
सीएम ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में कई काम हो रहे हैं। इसी के तहत मप्र में परिवहन क्षेत्र में बदलाव किए हैं। उन्होंने दो टूक कहा, परिवहन व्यवस्था संबंधी शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई होगी। भारी वाहन चालकों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में सीएस वीरा राणा, एसीएस राजेश राजौरा, एसीएस एसएन मिश्रा, पीएस संजय शुक्ला, राघवेंद्र सिंह, पीएस जनसंपर्क संदीप यादव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
क्या है परिवहन का गुजरात मॉडल
गुजरात में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत परिवहन व्यवस्था में चेक पोस्ट की जगह चेक प्वाइंट बनाए गए हैं। ऐसी ही व्यवस्था एमपी में की जा रही है। इसके लिए 26जिलों में स्पेशल इंतजाम किए जा रहे हैं। अब यहां पर चेक पोस्ट के स्थान पर चेक प्वाइंट रहेंगे। जो जिले दूसरे राज्यों से बॉर्डर शेयर करते हैं। वहां, मोबाइल उड़नदस्ते कार्य करेंगे। इस तरह कुल 45 चेक प्वाइंट होंगे।
ये निर्देश भी
कॉलेजों में छात्रों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए शिविर लगाएं।
यात्री बसों का संचालन तय स्थान से तय समय पर कराएं।
स्कूल बसों की जांच करें और ग्रामीण परिवहन सेवा को बेहतर बनाएं।
ट्रक ऑपरेटर बोले- 70 फीसदी तक समस्या खत्म
इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने कहा, 'नई व्यवस्था से ट्रक ऑपरेटरों की समस्या 70 फीसदी तक खत्म हो जाएगी। इससे न सिर्फ ट्रक ऑपरेटरों को फायदा होगा बल्कि हाईवे पर भी इकोनॉमी बेहतर होगी। बाहर की गाड़ियां आएंगी तो ढाबे, पेट्रोल पम्प पर भी कारोबार बढ़ेगा।
हालांकि, उन्होंने कहा कि एमपी में जल्द से जल्द मानव रहित व्यवस्था बनाकर टेक्नोलॉजी के जरिये गुजरात से भी अच्छा मॉडल बनाया जाना चाहिए।
ट्रक ऑपरेटरों ने क्या कहा
जानकारी के मुताबिक, इसका आदेश भी जारी हो गया है. इस आदेश में लिखा है कि चेक पॉइंट के उपकरण आने में समय लग सकता है. तब ट्रांसपोर्ट और पुलिस का अमला मोबाइल यूनिट के जरिये चेकिंग करता रहेगा. इसमें होम गार्ड भी सहयोग करेंगे. इस मामले को लेकर ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि हम सीएम मोहन यादव को इसके लिए धन्यवाद देते हैं. इस नई व्यवस्था से हमारी 70 फीसदी समस्या ही खत्म हो गई. अब हमारी और प्रदेश की इकॉनोमी और बेहतर होगी.
538 स्टाफ की आवश्यकता
परिवहन आयुक्त ने अपर मुख्य सचिव को नई व्यवस्था के तहत चेक पाइंट पर 538 स्टाफ की आवश्यकता होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी विभाग में 50 परिवहन निरीक्षक, परिवहन उप निरीक्षक, सहायक परिवहन उप निरीक्षक, 343 प्रधान आरक्षक और आरक्षक हैं। सभी 45 रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग पाइंट पर एक प्रभारी के रूप में 58 परिवहन इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, एएसआई की तैनाती की जा सकेगी। इन सभी चेक पाइंट के लिए 538 प्रधान आरक्षक और आरक्षकों की जरूरत है और परिवहन विभाग के पास सिर्फ 343 ही उपलब्ध हैं।