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विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष भी भरेंगे इनकम टैक्स, इस फंड से होगा आदिवासियों का विकास

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भोपाल

मध्यप्रदेश में मोहन यादव सरकार के मंत्रियों के साथ अब विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी फैसला किया है कि वे वेतन भत्ते पर लगने वाले इनकम टैक्स की राशि खुद जमा करेंगे। यह विधानसभा सचिवालय से जमा नहीं कराया जाएगा।

मोहन कैबिनेट की पिछली बैठक में फैसला लिया गया था कि मंत्रियों के वेतन भत्ते पर लगने वाले इनकम टैक्स की राशि खुद मंत्री भरेंगे। इसके लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया जाएगा। इस विधेयक को मोहन कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।

सोमवार को विधानसभा भवन में हुई कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी। उन्होंने बताया- मंत्रिमंडल ने तय किया है कि मंत्री खुद अपना इनकम टैक्स देंगे और इसके लिए 1972 में लाए गए विधेयक को बदलने संशोधन विधेयक को मंजूरी कैबिनेट ने दी है।

मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ. इसी के साथ विधानसभा में कैबिनेट की बैठक भी हुई. इसमे कई मुद्दों पर फैसला हुआ. एमपी सरकार विधानसभा के इसी सत्र में नलकूप खनन विधेयक ले आएगी. आज की बैठक में विधेयक को रखा गया, जिसके बाद कैबिनेट की बैठक में विधेयक को मंजूरी मिल गई. इसके साथ ही एक और बड़ा फैसला मोहन सरकार ने लिया. मंत्रियों के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष भी अपना इनकम टैक्स खुद भरेंगे. कैबिनट की मीटिंग में ये कहा गया कि अब से विधानसभा अध्यक्ष इनकम टैक्स खुद भरें, विधानसभा पर इसका बोझ नहीं आएगा. बड़ी बात ये रही कि विपक्ष ने मंत्रियों के इनकम टैक्स खुद भरने के फैसले को लेकर सरकार स्वागत किया. नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष ने भी खुद ही इनकम टैक्स भरने का फैसला लिया.

1972 का निर्णय बदला
बता दें पिछले मंगलवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में सीएम ने फैसला लिया था कि अब तक मंत्रियों का इनकम टैक्स प्रदेश सरकार जमा करती थी, अब वो खुद भरेंगे. सीएम मोहन यादव के इस फैसले के बाद इनकम टैक्स का भुगतान मंत्री खुद करेंगे. सरकार ने इसके लिए 1972 का निर्णय बदला. इसपर चर्चा जारी ही थी कि अब विधानसभा अध्यक्ष को लेकर भी फैसला आ गया. यानि अब आम जनता के टैक्स का पैसा और बचेगा और प्रदेश के विकास कार्य में लगेगा. इसके साथ एक और बड़ा फैसली है. बोरवेल खुला छोड़ा तो अब खैर नहीं. बोरवेल में गिरने की घटनाओं को देखते हुए खुले बोरवेल और नलकूपों पर कैबिनेट में निर्णय लिया है. तय की गई जिम्मेदारी खनन करने वाले और बोलरवेल करवाने वालो को बंद करवाना होगा बंद. अगर प्रशासन ने बंद किया तो उसका खर्च देना होगा.

लघु वनोपज संघ का पैसा आदिवासी कार्यों में ही होगा खर्च

विजयवर्गीय ने बताया कि लघु वनोपज आदिवासी समुदाय संग्रहीत करता है। इस पर राजस्व के रूप में बड़ा अंश राज्य शासन के पास एकत्र होता है और आदिवासियों को योजनाओं के रूप में दिया जाता है। कैबिनेट ने इस पर तय किया गया है कि जो पैसा इस मद में आएगा वह आदिवासी क्षेत्रों पर ही खर्च होगा। इस पैसे से आदिवासी क्षेत्रों की सड़कों और अन्य सुविधाओं में सुधार और विस्तार किया जाएगा। इसे कहीं और खर्च नहीं किया जाएगा।

107 करोड़ में होगा पुराने वल्लभ भवन का रेनोवेशन

कैबिनेट ने पुराने वल्लभ भवन जो वीबी-1 के नाम से जाना जाता है, उसके रेनोवेशन के लिए 107 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि वल्लभ ‌भवन क्रमांक एक में दो बार आग लग चुकी है। नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार इस बिल्डिंग में सारे प्रावधान नहीं हैं। इसके लिए 107 करोड़ रुपए कैबिनेट ने मंजूर किए हैं। इससे भवन में सुधार कार्य कराए जाएंगे।

कैबिनेट बैठक में हुए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय—
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट में लिए फैसलों की दी जानकारी…
मंत्रियो के वेतन भत्ते पर लगने वाले टैक्स को मंत्री खुद भरेंगे
सीएम के फैसले का मंत्रियों ने किया है स्वागत, विपक्ष के नेताओ ने भी जताई सहमति
लघुवनोपज से आने वाली कमाई को आदिवासियों पर ही किया जाएगा खर्च
मध्य प्रदेश में अब यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को अब कुलगुरू बोला जाएगा
उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी
गौ वंश तस्करों के वाहन राजसात होंगे
ओल्ड वल्लभ भवन के लिए 107.27 करोड़ रुपए स्वीकृत किए, आधुनिक बनाया जाएगा पुराना बल्लभ भवन

 

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