रायपुर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के यातायात प्रभाग द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा मोटर बाईक यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यात्रा का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत किया जाएगा। ऐसी यात्रा पूरे देश में निकाली जाएगी। विषय रखा है-सड़क सुरक्षा से जन रक्षा। इस अवसर पर गृह सचिव अरूण देव गौतम (आई.पी.एस.) ने कहा कि मानसिक तनाव और तेज गति से वाहन चलाने से भी दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। ज्यादातर दुर्घटनाएं वाहन चालक की लापरवाही से होती है। उसे यह समझ ही नहीं होती है कि उसका एक कृत्य कितने लोगों को बेसहारा बना देगा? सजगता के अभाव में दुर्घटनाओं पर काबू पाना सम्भव नहीं है।
उन्होंने महाभारत युद्घ में श्रीकृष्ण के सारथी बनने का उल्लेख करते हुए बताया कि इतने बड़े युद्घ में उन्होंने रथ चलाने का कार्य किया क्योंकि वह योगसिद्घ थे। उनका मन स्थिर था। इसलिए वह रथ चलाने के साथ ही अर्जुन का सही मार्गदर्शन कर सके। उन्होंने आगे कहा कि गाड़ी चलाते समय दूसरों को भी अपने समान मानकर उनकी असुविधा का ध्यान रखें। हमारी आजादी वहाँ समाप्त हो जाती है जहाँ दूसरों की आजादी शुरू होती है। उन्होंने समारोह के आयोजन के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्कूलों, कालेजों और विभिन्न संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को सचेत करने की जरूरत है।
इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चन्देल ने कहा कि वर्तमान समय मोबाईल का उपयोग बड़ी समस्या बन चुकी है। लोग घरों से जब निकलते हैं तो चाबी से पहले मोबाईल को ढूँढते हैं। बच्चों को यदि यातायात नियमों की जानकारी दी जाए तो वह बड़ों को उन नियमों का पालन करने के लिए बाध्य कर सकते हैं। नियमों का पालन करने का संस्कार बनाना जरूरी है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय संचालिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने अपने आशीर्वचन में कहा कि गाड़ी चलाते समय मन में किसी प्रकार का तनाव नहीं होना चाहिए। इसके लिए राजयोग मेडिटेशन अच्छा कारगर तरीका है। उन्होंने लोगों को स्वयं की और परमात्मा की पहचान प्राप्त करने के लिए राजयोग शिविर में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ट्रैफिक) एम. आर. मण्डावी ने बतलाया कि रायपुर में पिछले वर्ष तेरह सौ दुर्घटनाएं हुई जिसमें चार सौ छियासी लोग मारे गए। उन्होंने जल्दबाजी से बचने की सलाह देते हुए कहा कि कहीं जाने के लिए समय से पहले घर से निकलना चाहिए। वाहन की गति को नियंत्रित रखें तो दुर्घटनाओं में कमी हो सकती है। माउण्ट आबू से पधारे यातायात प्रभाग के मुख्यालय समन्वयक ब्रह्माकुमार सुरेश भाई ने यात्रा का उद्देश्य बतलाते हुए कहा कि हमारे देश में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं जिसके कारण सबसे ज्यादा लोग यहाँ मरते हैं। अब हमें प्रतिज्ञा करनी है कि हम स्वयं तो यातायात नियमों का पालन करेंगे ही दूसरों को इसके लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने तेज गति से वाहन चालन को दुघटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया।
मुम्बई की ब्रह्माकुमारी कविता दीदी ने कहा कि अपने जीवन का मूल्य नहीं समझने के कारण उसे दुर्घटनावश व्यर्थ में ही गंवा देते हैं। स्टीयरिंग पर नियंत्रण के लिए मन पर नियंत्रण जरूरी है। वाहन की गति उतनी ही होनी चाहिए जितनी कि हम नियंत्रित कर सकते हों।
राज्य में मोटर बाईक यात्रा का शुभारम्भ गृह सचिव अरूण देव गौतम, इन्दिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चन्देल, ए.एस.पी.टै्रफिक एम. आर. मण्डावी और क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने शिव ध्वज दिखाकर यात्रा को शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर से रवाना किया। प्रारम्भ में स्वागत भाषण धमतरी की ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने किया, अम्बिकापुर की ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने यातायात नियमों का पालन करने की प्रतिज्ञा करायी तथा संचालन बिलासपुर की ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने किया।