जनदर्शन में शिकायत… शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को ट्रांसफर…शिकायत के बाद औपचारिक निराकरण की कोशिश…निजी स्कूलों पर कोई कड़ाई नहीं…ना निरीक्षण, ना जांच…
मुंगेली/ नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया हैं। आजकल निजी स्कूलों में बच्चों के एडमिशन को लेकर होड़ मची हुई हैं। पुस्तक, कॉपी और दूसरी सामग्रियों के लिए स्कूलों की दुकान तय हैं। स्कूल की किताब वहीं मिलेंगी, जहां स्कूल प्रबंधन ने तय किया हुआ हैं।
निजी स्कूलों की किताबें एक विशेष दुकान पर बिक्री होने पर कार्यवाही हेतु अप्रैल 2023 में मुंगेली कलेक्टर को जनदर्शन में शिकायत किया गया था, उक्त शिकायत में बताया गया था कि मुंगेली जिले में संचालित कई निजी स्कूलों की किताबें एक विशेष दुकान में ही बिक्री हो रही हैं। अभिभावकों का कहना है कि मुंगेली के कई निजी स्कूलों की किताबें केवल एक विशेष दुकान पर ही बेची जा रही हैं, निजी स्कूलों द्वारा सिलेबस भी अपने पसंदीदा एक दुकान विशेष को दिया जा रहा हैं, और स्कूल प्रबंधन द्वारा जिस एक दुकान विशेष को तय किया जाता हैं अभिभावकों को वहीं से किताब कॉपी लेना पड़ता हैं, क्योंकि वो किताबें और किसी अन्य दुकानों में नहीं मिलती, जबकि इन किताबों का बिक्री कम से कम 3-4 पुस्तक विक्रेताओं के पास होनी चाहिये, विशेष दुकान में किताब मिलने की वजह से मनमाने कीमत पर उनके द्वारा किताब बेची जाती है। एक ही दुकान विशेष पर किताब मिलने से अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। शिकायत में निवेदन किया गया था कि मामले में कार्यवाही करते हुये निजी स्कूलों की किताबें 4-5 किताब दुकानदारों को बिक्री हेतु शिक्षा विभाग व स्कूलों को निर्देशित करने का कष्ट करें।
कलेक्टर जनदर्शन में प्राप्त इस शिकायत को जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित किया गया था उस समय जानकारी मिली थी कि दूसरे दिन ही जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों/प्राचार्यो की बैठक बुलाई, जिसके बाद दिनांक 20 अप्रैल 2023 को ही जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी निजी स्कूलों के लिए एक निर्देश/आदेश भी जारी किया। डीईओ द्वारा सभी अशासकीय शिक्षण संस्थानों को लिखित निर्देश जारी करते हुए कहा गया कि मुंगेली जिले में निजी शालाओं द्वारा विद्यालय स्तर पर चलाई जा रही किताब एक विशेष दुकान में ही विक्रय होने की शिकायत प्राप्त हुई है। एक ही विशेष दुकान पर किताब मिलने से अभिभावकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अतः समस्त अशासकीय शिक्षण संस्थाओं को निर्देशित किया जाता है कि शाला स्तर पर जो किताबें चलाई जा रही है उनकी सूची स्थानीय स्तर के कम से कम 4-5 पुस्तक विक्रेता को उपलब्ध करायें। पालकों एवं दुकान संचालकों से सामंजस्य स्थापित कर पालकों को उनकी सुविधा के अनुसार किताबें उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। पालकों को किसी एक विशेष दुकान से क्रय हेतु बाध्य न किया जायें।
उक्त निर्देश में आगे कहा गया कि इस संबंध में की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन सात दिवस के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यदि आपके विद्यालय के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होती है, तो नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जावेगी, जिसके लिये विद्यालय स्वयं जिम्मेदार होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी के इस आदेश, निर्देश के बाद भी कुछ निजी स्कूलों की मनमानी अभी शिक्षा सत्र 2024 में भी जारी हैं। अभिभावकों ने बताया कि जेसीस पब्लिक स्कूल सहित कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनके द्वारा एक दुकान विशेष में ही उस स्कूल की किताबें मिल रही हैं, अभिभावकों ने बताया कि जेसीस पब्लिक स्कूल की किताबें जिस दुकान से मिलती हैं वह सत्तापक्ष के एक बड़े नेता का पारिवारिक रिश्तेदार हैं और उसका जेसीस पब्लिक स्कूल प्रबंधन में काफी दखल हैं, जिसके चलते जेसीस पब्लिक स्कूल उस दुकान के अलावा किसी और पुस्तक दुकान को अपनी स्कूल की किताबें बेचने नहीं देता। बताया जाता हैं कि कई वर्षों से जेसीस स्कूल इसी एक दुकान विशेष को ही किताब बेचने अधिकृत किया हुआ हैं जिससे अभिभावकों में आक्रोश तो हैं ही , परंतु वे बच्चों के भविष्य को देखते हुए खुलकर सामने आने व शिकायत करने कतराते हैं, उन्हें डर होता हैं कि स्कूल उनके बच्चों से दुर्भावना रखते हुए सौतेला व्यवहार न करें।
अभिभावकों से शिकायत मिलते ही मुंगेली के सभी पुस्तक दुकानों से जेसीस पब्लिक स्कूल की किताबें मिलेगी कि नहीं, पूछा गया तो सभी किताब दुकानदारों ने बताया उनके यहां जेसीस पब्लिक स्कूल की किताबें नहीं हैं, न ही स्कूल द्वारा सिलेबस सार्वजनिक किया गया हैं, अधिकांश लोगों से जिस दुकान विशेष को किताब बेचने जेसीस पब्लिक स्कूल ने तय किया है उस दुकान का नाम भी बताया गया, जिसका सारा प्रमाण सुरक्षित हैं।
अभिभावकों ने बताया कि इस किताब खरीदी-बिक्री मामले में बहुत बड़ा कमीशन का खेल चल रहा हैं, केवल एक विशेष दुकान पर निजी स्कूलों की किताब मिलने मामले में एक बड़ा कमीशन का खेल चल रहा जिस पर अभिभावकों ने भारी आक्रोश जताते हुए कहा कि जब कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी निजी स्कूलों के लिए आदेश तो निकाल दिया गया परंतु उसका पालन जेसीस पब्लिक स्कूल सहित कुछ स्कूलों द्वारा नहीं किया जा रहा, और संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच भी नहीं किया जाता, ऐसे में कलेक्टर जनदर्शन मजाक बनकर रह गया हैं, अभिभावकों ने आगे कहा कि कई निजी स्कूल कलेक्टर जनदर्शन में हुए शिकायत के बाद भी नहीं सुधर रहे और अधिकारियों के निर्देशों, आदेशों की अवहेलना कर रहे तो ऐसे में उनकी पीड़ा अब कौन सुनेगा ?
बहरहाल मुंगेली कलेक्टर को मामले को गंभीरता से लेते हुए ऐसे स्कूलों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
पूरे मामले की पुनः कलेक्टर से शिकायत करने की जानकारी मिली हैं। पूर्व में किताब दुकानदारों ने भी निजी स्कूलों की शिकायत की थी।
जनदर्शन में शिकायत के बाद संबंधित अधिकारियों ने की औपचारिकता पूर्ण…
जनदर्शन में शिकायत के बाद तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली ने सभी निजी स्कूलों के लिए आदेश निकाल औपचारिक भूमिका तो निभाई परंतु कभी जांच नहीं की गई, कि किन स्कूलों द्वारा इसका पालन किया जा रहा हैं, किस किस स्कूल ने दुकानदारों की सूची दी, या दुकानदारों का नाम, सिलेबस को चस्पा किया इसकी जांच नहीं की गई।
इसके बाद कलेक्टर जनदर्शन के पोर्टल में आवेदन की वर्तमान स्थिति डीईओ द्वारा जारी आदेश का उल्लेख कर दिया गया। मतलब यह कहा जाए कि जनदर्शन में हुए शिकायत का निराकरण हो गया, भले ही समस्या जस की तस हो।