नई दिल्ली
भारतीय वायु सेना ने सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, नीदरलैंड, जर्मनी और अमेरिका की वायु सेनाओं के साथ एयर फोर्स बेस, अलास्का में हवाई युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास ‘रेड फ्लैग’ में हिस्सा लिया है। यह अभ्यास का दूसरा संस्करण था, जिसे अमेरिकी वायु सेना वर्ष में चार बार आयोजित करती है। चुनौतीपूर्ण मौसम और लगभग शून्य से नीचे के तापमान के बावजूद भारतीय वायु सेना ने पूरे अभ्यास के दौरान 100 से अधिक उड़ानें भरकर सभी निर्धारित मिशन पूरे किए। भारत लौटने से पहले यह टुकड़ी को 24 जून को ग्रीस और मिस्र की वायु सेना के साथ अभ्यास में भाग लेगी।
संयुक्त राज्य वायु सेना के एयरबेस एइलसन में 04 से 14 जून तक आयोजित इस अभ्यास में भारतीय वायु सेना के साथ-साथ रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर एयर फोर्स, यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स, रॉयल नीदरलैंड एयर फ़ोर्स, जर्मन लूफ़्टवाफे़ और यूएस एयर फोर्स ने भाग लिया। भारतीय वायुसेना की टुकड़ी ने राफेल विमान और कर्मियों के साथ भाग लिया, जिसमें एयर क्रू, तकनीशियन, इंजीनियर, नियंत्रक और विषय विशेषज्ञ शामिल थे। भारत की यह टुकड़ी 29 मई को अलास्का में यूएसएएफ बेस, एइलसन पर उतरी थी। राफेल लड़ाकू विमान को आईएल-78 एयर टू एयर रिफ्यूलर से सक्षम किया गया था, जबकि कर्मियों और उपकरणों को परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर से ले जाया गया।
यह पहली बार था जब भारत के राफेल विमानों ने सिंगापुर और अमेरिकी विमान एफ-16, एफ-15 और ए-10 के साथ अभ्यास 'रेड फ्लैग' में भाग लिया। इन मिशनों में आक्रामक काउंटर एयर और एयर डिफेंस भूमिकाओं में लार्ज फोर्स इंगेजमेंट के एक भाग के रूप में बियॉन्ड विजुअल रेंज लड़ाकू अभ्यास शामिल थे। भारतीय वायु सेना के चालक दल मिशन योजना में सक्रिय रूप से शामिल थे और अभ्यास के दौरान निर्दिष्ट मिशनों के लिए मिशन लीडर की भूमिका भी निभाई।
अभ्यास के दौरान अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ अंतर-संचालन की अंतर्दृष्टि और बहुराष्ट्रीय वातावरण में सहयोगात्मक समझ शामिल थी। लंबी दूरी तक हवाई उड़ान भरने और रास्ते में हवा से हवा में ईंधन भरने का अनुभव युवा चालक दल के लिए रोमांचकारी अनुभव था। भारत लौटने से पहले यह टुकड़ी 24 जून को ग्रीस और मिस्र की वायु सेना के साथ अभ्यास में भाग लेगी। रेड फ्लैग अभ्यास के अनुभव से समृद्ध भारतीय वायु सेना अभ्यास ‘तरंग शक्ति-2024’ के दौरान अन्य देशों के प्रतिभागी दलों की मेजबानी करने के लिए उत्सुक है, जो इस वर्ष के अंत में होने वाला पहला भारतीय बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास है।