नई दिल्ली
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर एनटीए ऑफिसर 2024 नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (अंडरग्रेजुएट) कराने में अनियमितताओं के दोषी पाए तो ऐक्शन होगा। प्रधान ने कहा कि NEET परीक्षा आयोजित करने वाली एनटीए में सुधार की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 1563 कैंडिडेट्स दोबारा परीक्षा देंगे। 2 जगहों पर कुछ अनियमितताएं सामने आई हैं। मैं छात्रों और अभिभावकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार इसे गंभीरता से ले रही है।'
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, 'अगर NTA के बड़े अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। एनटीए में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है। सरकार इसे लेकर चिंतित है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।' मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। NEET का एग्जाम 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित किया गया था। इसमें लगभग 24 लाख विद्यार्थी शामिल हुए। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में बिहार जैसे राज्यों में प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
SC से नियुक्त अधिकारियों से जांच कराने की मांग
इस बीच, कांग्रेस के सीनियर नेता कपिल सिब्बल ने अनियमितताओं के आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त अधिकारियों से कराने की मांग की है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि परीक्षा आयोजित करने के तौर तरीकों को लेकर सभी राज्यों के साथ गहन विचार-विमर्श किया जाए। राज्यसभा सदस्य सिब्बल ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर किसी परीक्षा में परीक्षा तंत्र ही भ्रष्ट हो जाए तो प्रधानमंत्री के लिए चुप्पी साधना ठीक नहीं है। सिब्बल ने सभी राजनीतिक दलों से आगामी संसद सत्र में इस मामले को जोर-शोर से उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा होने की उम्मीद कम है क्योंकि सरकार इस मामले के न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देकर इसकी अनुमति नहीं देगी।