जांजगीर। रबी मक्का की खेती जिले के किसानों के लिए आय बढ़ाने का बेहतर जरिया बन सकती है बशर्ते इसकी बोआई में समय का ध्यान रखा जाए। और रुचि लेकर बोआई किया जाए । इस समय बोआई कर किसान बेहतर कमाई कर सकते हैं। रबी मक्का की खेती की जाती है।
कृषि विभाग ने मक्के की खेती को बढ़ावा देने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत किसानों को हाईब्रिड बीज का निशुल्क वितरण कर किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है पर बाजार में दाम न मिल पाने के कारण लगातार मक्का का रकबा घटता चला जा रहा है। हाईब्रिड मक्के की खेती पूरी तरह से रसायनिक उवर्रक, महंगे खरपतवारनाशक व दवा पर निर्भर है।
बाजार में दाम न मिलने से उत्पादक मायूस
मक्का उत्पादक किसान बाजार भाव न मिलने से पिछले कई साल से मायूस हैं। समर्थन मूल्य पर मक्का बेचने के लिए किसान पंजीयन तो कराते हैं पर नियम कायदे इतने हैं कि किसान को मजबूरन बाजार में मक्का बेचना पड़ जाता है वाजिब दाम न मिलने से मक्का की खेती अब घाटे का सौदा साबित हो गई है। साथ ही हाइब्रिड मक्का की लगातार खेती से जमीन भी बंजर होती जा रही है, जिसकी वजह से किसान गन्नाा समेत, दलहन की फसल में रुचि दिखा रहे हैं।
साढ़े चार करोड़ की मक्का जिले में आबंटन
विशेष सूत्रों से जानकारी के अनुसार जांजगीर जिले के जैजैपुर,बम्हनीडीह, अकलतरा,सक्ती, डभरा ,बलौदा, पामगढ़,नवागढ़,मालखरौदा विकासखंड के सभी किसानों के खेत मे मक्का प्रदर्शन के लगभग साढ़े चार करोड़ रुपये की लागत का मक्का आबंटन प्राप्त हुआ है जिसको किसानों को प्रदर्शन लगाने के लिए किसान कोई रुचि नही ली जा रहा है, जबकि किसान उड़द की फसल के लिए राह देख रहे थे किसान लेकिन उड़द प्रदर्शन के लिए जिले को नही मिला आबंटन जो समझ से परे हुए है।
मक्का प्रदर्शन बना ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों का जंजाल
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियो को पकड़ा दिया गया मक्का जबकि कोई किसान प्रदर्शन लगाने को तैयार नही है साढ़े चार करोड़ की मक्का की आटा बनाकर रोटी खाने के अलावा कोई खेत मे फसल नजर नही आ रहा है जो शासन प्रशासन की राशि किस कदर अफरातफरी हो रहा है यह मक्का प्रदर्शन की आबंटन से अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रत्येक ब्लाक में 50 लाख रुपये की मक्का आबंटन
आपको बता दे कि जिले के प्रत्येक ब्लॉक में जानकारी के अनुसार 50-50 लाख रुपये का मक्का आबंटन हुआ है जिसको खपाने के लिए किसानों की चक्कर काट रहे है ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी लेकिन बाट भी नही पा रहे है क्योंकि खेतो में मक्का की फसल भी लगाना है लेकिन जिले की किसान नही लगाते है जिसके कारण मक्का के एवज में कमीशन की खेल में कुछ भी होना संभव है।