रायगढ़। नायब तहसीलदार और कर्मचारियों की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार वकील को हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही आदेश की कॉपी उपलब्ध कराकर उन्हें जेल से बाहर लाने की व्यवस्था भी कर दी गई है। रायगढ़ में नायब तहसीलदार और वकीलों के बीच भड़के विवाद के बाद अब वकीलों ने मोर्चा खोल रखा है। इससे पहले मारपीट के विरोध में प्रदेश के सभी तहसीलदारों ने हड़ताल कर कामकाज ठप कर दिया था। तहसीलदारों ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और राजस्व न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की थी।
इधर, उनके हड़ताल को देखते हुए वकीलों ने भी मोर्चा खोल दिया और राजस्व न्यायालय में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाया था। वकीलों ने तहसील न्यायालयों में भ्रष्टाचार खत्म करने की मांग की है। उनका विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। वहीं दूसरी ओर रायगढ़ जिला एंव सत्र न्यायालय में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए वकील भुवनलाल साव की जमानत याचिका लगाई गई थी। जिसे जिला कोर्ट ने खारिज कर दिया था। लिहाजा, अब हाईकोर्ट में जमानत अर्जी प्रस्तुत किया गया। मंगलवार को सीनियर एडवोकेट अभिषेक सिन्हा, अवध त्रिपाठी के साथ ही अन्य वकीलों ने जस्टिस दीपक तिवारी को बताया कि वकील भुवनलाल साव निर्दोष हैं। उनका एफआईआर में नाम नहीं है। सिर्फ घटना स्थल पर खड़े होने के कारण उन्हें आरोपी बना दिया गया है।
इस पूरे मामले में पुलिस अब तक 5 वकीलों को गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि 2 अभी भी फरार बताए जा रहे हैं। वकीलों की गिरफ्तारी और तहसील न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराने की शर्त पर ही कनिष्ठ प्रशासनिक संघ ने अपना हड़ताल वापस ले लिया था।