Home छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सन्तुलन बिगडऩे से मानव का अस्तित्व खतरे में : साहू

प्राकृतिक सन्तुलन बिगडऩे से मानव का अस्तित्व खतरे में : साहू

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रायपुर

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा विधानसभा रोड स्थित शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में विश्व पर्यावरण दिवस पर परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम में वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्य जीवन) प्रेम कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (विकास योजना) अरूण कुमार पाण्डे और प्रधान मुख्य वन सरंक्षक अनिल कुमार साहू ने भाग लिया। अध्यक्षता ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया। चर्चा का विषय था -पर्यावरण सरंक्षण और हमारा दायित्व।

इस अवसर पर बोलते हुए अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्य जीवन) प्रेम कुमार ने कहा कि वर्तमान समय प्रदूषण इतना विकराल रूप ले चुका है कि हरेक को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी समझने की जरूरत है। पर्यावरण को सरंक्षित और सवंर्धित करने के लिए जहाँपर भी खाली जगह मिले वहाँ पेड़ लगाकर प्रकृति से जुड़ें। उन्होंने कहा कि अगर जीवन में खुशी चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उनका संवर्धन करें। जब तक हम आत्म केन्द्रित रहेंगे तब तक अपना और प्रकृति का विनाश करते रहेंगे। हम मनुष्यों ने मिलकर विनाश की लीला रची है। इसलिए हमें ही इसे ठीक करना होगा। वर्तमान समय पर्यावरण की रक्षा के लिए आन्दोलन शुरू करने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें मिल जुलकर कार्य करना होगा।

अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (विकास योजना) अरूण कुमार पाण्डे ने कहा कि कार्बन के उत्सर्जन को कम करना हमारे हाथ में नहीं है किन्तु हम पेड़ लगाकर उसके दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि आगामी बरसात के समय हरेक व्यक्ति कम से कम एक पीपल का पेड़ लगाए तो वह पर्यावरण सरंक्षण के कार्य में बहुत बड़ा योगदान कर सकता है। पीपल ऐसा अनोखा पेड़ है जो कि रात में भी आक्सीजन प्रदान करता है।

प्रधान मुख्य वन सरंक्षक अनिल कुमार साहू ने छोटे-छोटे बच्चों के द्वारा प्रस्तुत वृक्ष हमारे जीवन का आधार नामक नृत्य नाटिका की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों में प्रकृति के सरंक्षण के प्रति जज्बात पैदा करना बहुत ही अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सन्तुलन बिगडऩे से मानव का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें रिन्युएबल एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना होगा।
रायपुर केन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने कहा कि हमारा शरीर पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश इन पांच तत्वों से मिलकर बना है। हम प्रकृति को प्रदूषित करके अपने ही शरीर को खराब कर रहे हैं। जंगल कटने से गर्मी बढ़ती जा रही है, पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। उन्होंने बतलाया कि प्रकृति के साथ-साथ मन के प्रदूषण को भी खत्म करने की जरूरत है।

इससे पहले ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और जानवरों की सुरक्षा से ही पर्यावरण सरंक्षण संभव है। पर्यावरण प्रदूषण के लिए प्लास्टिक को सबसे बड़ा खतरा बतलाते हुए उन्होंने इसका उपयोग कम करने पर जोर दिया। इस अवसर पर छोटे-छोटे बाल कलाकारों ने वृक्ष हमारे जीवन का आधार नामक सुन्दर नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रकृति को बचाने का सन्देश दिया। बाद में अपर प्रधान मुख्य वन सरंक्षक प्रेमकुमार और अरूण कुमार पाण्डे ने शान्ति सरोवर में वृक्षारोपण किया।

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