Home छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर में हो रही है खुलेआम ड्रग्स की बिक्री

राजधानी रायपुर में हो रही है खुलेआम ड्रग्स की बिक्री

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रायपुर। राजधानी रायपुर में ड्रग्स (ब्राउन शुगर) बेचने वाले आरोपी फिर से सक्रिय हो गए है। आरोपी नागपुर से नशीली सामग्री लाकर राजधानी और आस पास के इलाको में बेच रहे है और युवाओं को नशे के गर्त में डाल रहे है।ड्रग्स को कोड नाम के तहत म्याऊ-म्याऊ और सफ़ेद पाउडर कहा जाता है। सबसे हैरानी वाली बात तो यह है कि इस काले कारोबार को कोई आदमी (पुरुष) नहीं एक महिला द्वारा द्वारा संचालित किया जा रहा है और वो भी शहर के ह्रदय स्थल बोले जाने वाले घडी चौक से चंद कदम कि दुरी पर स्थित यूनियन क्लब के सामने स्थित गुप्ता बिल्डिंग में। जी हां ये वही गुप्ता बिल्डिंग है जहाँ पुलिस द्वारा कई बार छापा मारकर अवैध गांजा बेचने वालो को गिरफ्तार किया है। लेकिन छूटने के बाद फिर से वही काम धडल्ले से शुरू कर दिया जाता है। यह पूरा अवैध कारोबार रानी उर्फ़ नरगिस 25 वर्ष पति सैय्यद निवासी मोतीचौक गोलबाजार के द्वारा किया जा रहा है। इस महिला को आखिरकार किसका संरक्षण प्राप्त है ये समझ से परे है जो कि यह इतना बेख़ौफ़ होकर इस कारोबार को खुलेआम संचालित कर रही है। पहले इस महिला द्वारा बिल्डिंग के नीचे गांजे कि बिक्री कि जाती थी लेकिन वर्तमान में इस महिला द्वारा इसी गुप्ता बिल्डिंग में दूसरे माले में इस ड्रग्स के कारोबार को संचालित किया जा रहा है।
नागपुर से सप्लाई
नशीले पदार्थ के बारे में विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रानी उर्फ़ नरगिस द्वारा इसको नागपुर से चालीस से पचास रूपए पुड़िया के हिसाब से खरीद कर लाया जाता है और उसी को यहाँ पर डेढ़ से दो सौ रूपए में खुलेआम बेचा जाता है। इस काले कारोबार को ट्रेन और सड़क के माध्यम से राजधानी लाया जाता है।
रायपुर पुलिस ने चलाया है अभियान
नशे के सौदागरों पर रायपुर पुलिस के अधिकारियों ने अभियान चलाकर कार्रवाई शुरु की है। पुलिस अधिकारियों ने पहली कार्रवाई सिविल लाइन थानाक्षेत्र में की है लेकिन देखने वाली बात तो यह होगी कि इस रानी उर्फ़ नरगिस पर आखिरकार पुलिस कब अपना शिकंजा कसती है या फिर इस महिला द्वारा इस कारोबार को इसी तरह बेख़ौफ़ होकर अंजाम देना जारी रहेगा। रायपुर शहर के प्राय: अधिकाँश युवा इस नशे को अपना जीवन शैली मानकर अपनी जिंदगी को नशे के सागर में ढकेल रहे है। जिसे रोकना अभिभावक के साथ प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है। नहीं तो आने वाली पीढ़ी नशे में पूरी तरह डूब जाएगी। तथा आने वाली पीढ़ी तथा नए जमाने के कर्ताधर्ता लोग कभी भी नेताओं की और प्रशासन की दी हुई इस पीड़ा को भूला नहीं पाएंगे और जीवन भर कोसेंगे।