तेहरान
ईरानी क्रांति के नेता रहे ईरान के पूर्व सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खुमैनी के पोते ने इजरायल के खिलाफ पूरी ताकत से हमला करने की धमकी दी है। हसन खुमैनी के ने ईरानी चैनल पर एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि इजरायल तब तक पीछे नहीं हटेगा, जब तक उसके खिलाफ ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हसन खुमैनी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए जनमत संग्रह कराने ईरान के सुझाव पर भी बात की औऱ कहा कि यह इजरायल के अंत की ओर जाएगा।
हसन खुमैनी ने दावा किया कि जनमत संग्रह में 'जो सबसे ज्यादा वोट हासिल करेगा, वो जीतेगा। इससे अंततः इजरायल का सफाया हो जाएगा और वे यह जानते हैं।' पूर्व सुप्रीम लीडर के पोते ने अमेरिका, ब्रिटेन और इजरायल की तरफ से प्रस्तावित दो राज्य समाधान की आलोचन की। हसन ने कहा कि यह दुनिया को 'इजरायली कब्जे' की वैधता स्वीकार करने के लिए मजबूर करने की एक चाल मात्र है।
इजरायल से दोस्ती को बताया बेकार
हसन खुमैनी ने कहा, 'यह सोचना गलत है कि अगर इजरायल को अकेला छोड़ देंगे तो वह इजरायल भी हमें अकेला छोड़ देगा।' उन्होंने कहा कि इजरायल से बातचीत और दोस्ती दिखाने से कुछ हासिल नहीं होगा। इसके बजाय ईरान को अपनी ताकत और सैन्य क्षमता दिखाने की जरूरत होगी। मौजूदा वैश्विक स्थिति में इजरायल से निपटने के लिए मजबूत नजरिए की जरूरत है।
ईरान का इजरायल पर हमला
ईरान ने पिछले सप्ताह इजरायल के ऊपर 200 बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार कर दी थी। यह हमला अप्रैल में किए गए हमले से ज्यादा घातक था। इस बार के हमले में कई ईरानी मिसाइलें इजरायली क्षेत्र में गिरी थीं। इजरायली एयरबेस भी इस हमले में निशाना बना था। ईरान ने इसे लेबनान में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के बदले में की गई कार्रवाई बताया था। बीते शुक्रवार को ईरान के सुप्रीम लीडर ने ग्रैड मस्जिद से संबोधन दिया था, जिसमें इजरायल को मिटाने की धमकी दी थी।
हसन नसरल्लाह को इजरायल ने पिछले महीने के आखिर में दक्षिणी बेरूत के दहियाह में एक हवाई हमले में मार दिया था। इजरायली एयरस्ट्राइक ने हिजबुल्लाह के भूमिगत मुख्यालय को निशाना बनाया था, जब नसरल्लाह वहां अपने सीनियर कमांडरों के साथ बैठक कर रहा था। बीते कुछ दिनों में इजरायल ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के लगभग सभी शीर्ष नेताओं को मार दिया है।