कोरबा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने नगर निगम के द्वारा किसानों, झुग्गी झोपड़ी, गरीबों एवं दिहाड़ी मजदूरी करने वालों पर भारी भरकम सम्पति कर लादने और जबरन वसूली अभियान का कड़ा विरोध किया है और इसे माफ करने की मांग की है।
इस संबंध में एक ज्ञापन भी माकपा जिला सचिव प्रशांत झा के नेतृत्व में माकपा के पार्षद सुरती कुलदीप, राजकुमारी कंवर और अन्य माकपा नेताओं द्वारा महापौर को सौंपा गया। माकपा ने प्रदेश के राजस्व मंत्री और निगम आयुक्त के नाम भी पत्र प्रेषित कर टैक्स माफ करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि निगम गरीबों के बकाया संपत्ति कर को माफ करने पर विचार नहीं करता, तो पार्टी के नेतृत्व में आम जनता सड़क पर उतरकर संघर्ष करने के लिए बाध्य होगी। झा ने कहा कि महापौर चुनाव के पूर्व हुए समझौते में कांग्रेस ने सार्वजनिक रूप से माकपा की इस शर्त को माना था कि गरीबों पर बकाया संपत्ति कर को माफ किया जाएगा। लेकिन अब कांग्रेस इस वादे पर अमल करने के बजाए इससे मुकर रही है।
उन्होंने कहा कि गरीबों को 20 सालों के टैक्स एक साथ जमा करने के नोटिस दिए जा रहे हैं और शिविरों में आम जनता को बुलाकर अधिकारियों द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है। उन्होंने महापौर से स्पष्ट करने को कहा है कि क्या वे निगम साकार ऐसे ही चलाना चाहते हैं? क्या अधिकारियों पर उनका कोई नियंत्रण है या वे खुद ही अधिकारियों से नियंत्रित हो रहे हैं? माकपा नेता ने कहा कि मोदी सरकार की सत्यानाशी नीतियों से आम जनता का वैसे ही बुरा हाल है। आय की तुलना में महंगाई तेजी से बढ़ रही है। ऐसे समय में आम जनता को राहत देने के बजाए यदि नगर निगम आम जनता पर करों का बोझ लादने की कोशिश करेगा, तो इसका तीखा विरोध किया जाएगा। माकपा ने कहा है कि यदि कांग्रेस अपने वादों से मुकरती है, तो माकपा जनता को लामबंद कर संघर्ष करने के अपने वादे पर अमल के लिए बाध्य होगी।