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छत्तीसगढ़ में दिखेगी थाईलैंड के अरुण देव मंदिर की झलक, विराजित होगी 35 फीट की प्रतिमा

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जांजगीर-चाम्पा

प्रदेश में विगंहम दुर्गा पंडाल के लिए विख्यात नैला की श्री श्री दुर्गा उत्सव सेवा समिति इस बार भी कुछ नया करने की तैयारी में है. इस साल थाईलैंड के अरुण देव मंदिर के तर्ज पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर बुर्ज खलीफा के तर्ज पर लाइट और साउंड इफेक्ट का प्रदर्शन किया जायगा. वहीं पंडाल के अंदर सोना-चांदी, हीरा-मोती से जड़ित माँ दुर्गा की 35 फीट ऊँची मूर्ति की स्थापना की जाएगी.

जिला में इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रि की तैयारी जोरों से चल रही हैं, देवी मंदिरों के अलावा गांव और शहरी क्षेत्र माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापना की तैयारी जोरों से चल रही हैं. नैला की विख्यात श्री श्री दुर्गा उत्सव सेवा समिति भी इस तैयारी में दिन-रात जुटी हुई है. नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, लेकिन नैला में माता का दरबार 6 अक्टूबर को खुलेगा. इसके बाद दशहरा के दूसरे दिन विसर्जन किया जाएगा.

कोलकाता की मिट्टी से बनाई जा रही प्रतिमा
श्री श्री दुर्गा सेवा उत्सव समिति के सदस्य शम्भू पालीवाल ने बताया कि 41 वर्षो से मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है, जिसे देखने के लिए अलग-अलग जिलों से लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. इस वर्ष की नवरात्रि पर्व में भक्तों के लिए थायलैंड के विश्व प्रसिद्ध शांति के प्रतीक अरुण देव मंदिर के तर्ज पर भव्य 160 फीट ऊंची और 150 फीट चौड़ा पंडाल बनाया जा रहा है. जिसे बंगाल के 35 से 40 कारीगरों द्वारा पिछले 40 दिनों से निर्माण किया जा रहा है.

पांच शेरों के स्वर्ण रथ पर सवार होंगी मां
शम्भू ने बताया कि पंडाल में पांच शेरों की स्वर्ण रथ में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी, जिसकी ऊंचाई 35 फीट होगी. वहीं शेरों की 12 से 15 फीट ऊंची प्रतिमा होगी. मां दुर्गा को सोने-चांदी, हीरे-मोती से जड़ित स्टोन की गहनों के साथ लाल रंग की सुंदर साड़ी पहनाई जाएगी. इस काम को भटगांव के प्रदीप देवांगन की 12 सदस्यों की टीम अंजाम दे रही है. मूर्ति के निर्माण में नेचुरल रंगों का उपयोग किया जा रहा हैं, वहीं दुर्गा माँ का चेहरा बनाने के लिए कोलकाता से मिट्टी लाई गई है.

लाइट और साउंड भी होगा आकर्षण का केंद्र
इस बार पंडाल में बुर्ज खलीफा के तर्ज पर आकर्षक लाइटिंग लगाई जाएगी, जिसे लगाने के लिए कोलकाता के फेमस रियाज अहमद की टीम को बुलाया गया है. रात्रि में पंडाल का आकर्षण भव्य रहेगा. दुर्ग से साउंड सिस्टम मंगाया गया है. जिसके 3 अक्टूबर को नवरात्रि पर्व चालू होने जा रही है पहले ही दिन से भक्तो को मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने पहुंच सकते है. वही मां दुर्गा की प्रतिमा, पंडाल,लाइटिंग, साउंड सिस्टम सहित अन्य सजावट की खर्च लगभग 1 करोड़ रुपए से अधिक होगा. पहले रेलवे स्टेशन के पास छोटे स्थान पर होता था माँ की पूजा, अब अग्रसेन भवन के सामने बन रहा हैं पंडाल,,

पंडाल के अंदर 1000 लोग एक साथ कर सकते हैं दर्शन
पंडाल की अंदर की लंबाई 100 फीट और चौड़ाई 84 फीट है, जिसमें एक बार में 15 सौ से अधिक भक्त मां दुर्गा की दर्शन कर सकते हैं. भक्तों के स्वास्थ्य संबंधी शिकायत को दूर करने पंडाल के बाहर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की टीम एंबुलेंस के साथ तैनात रहेगी. इसके साथ सुरक्षा के लिहाज से पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी. इसके अलावा यातायात की रूपरेखा तैयार की जा रही है.