नगर पालिका के CMO आखिर क्यों ठेकेदार और कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने डर रहे ?
मुंगेली/ किसी को बताने की जरूरत नहीं कि भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण में मुंगेली नगर पालिका में भ्रष्टाचार किस कदर अपने पांव जमाये हुए हैं, जिसका उदाहरण हमें पहले भी देखने को मिला जहां नगर पालिका के पूर्व अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार के कारण जेल भी जा चुके हैं। जनता इस बात से हैरान हैं और कह रही हैं कि नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार पर जनप्रतिनिधि और नेता क्यों चुप हैं उनके आंखों में ऐसी कौन सी पट्टी बंधी हैं जिससे वे नगर पालिका में फैले भ्रष्टाचार पर आवाज नहीं उठा पा रहे ?
आपको बता दे मुंगेली नगर पालिका द्वारा शहर के खड़खड़िया नाला में लगभग 2 करोड़ की लागत से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज बनाया गया था, जिसमें मुंगेलीवासियों ने भ्रष्टाचार को लेकर आवाज भी उठाया था, सूचना के अधिकार के तहत जब नगर पालिका से इसकी पूर्ण जानकारी मांगी गई तो कार्यालय में फाईल न होने का उल्लेख करते हुए नगर पालिका के अधिकारी ने जानकारी भेज दी, जो अपने आप में बहुत ही शर्मनाक बात हैं, जबकि सीएमओ को जब करोड़ों के स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज के फाईल गायब होने की जानकारी मिली तो उसी समय तत्काल मुख्य नगर पालिका अधिकारी को थाने और उच्चाधिकारियों को लिखित में रिपोर्ट दर्ज कराने पत्र भेजना था पर सीएमओ की लापरवाही से करोड़ों के निर्माण कार्य की फाइल का पता नहीं चल पाया हैं।
साथ ही अरुण साव के डिप्टी सीएम बनने व शपथ लेने के बाद पहली बार वे दिनांक 1 फरवरी 2024 को मुंगेली आये थे, डिप्टी सीएम अरुण साव के पास नगरीय निकाय विभाग होने की वजह से नगर पालिका की टीम उनके आवाभगत जुट गई। नगर पालिका के अधिकारी डिप्टी सीएम की खुशामदी में ऐसे लग गए कि वे सारे नियम, कायदे-कानून की धज्जियाँ उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़े। डिप्टी सीएम के आगमन के कुछ दिन पहले, आगमन के दिन और बाद में ही बिना टेंडर, बिना कार्यादेश के नगर पालिका क्षेत्र के डिवाइडरों में छबाई, प्लास्टर, लोहे के ग्रिल लगाने व पोताई का कार्य शुरू किया गया, और यह कार्य भी अनियमितताओं से भरा हुआ था क्योंकि टूटेफूटे डिवाइडरों में छबाई एकदम पतली परत हैं जो अपने आप निकलने लगे हैं, और बहुत जगहों से लोहे के ग्रिल गायब हैं वहां नए ग्रिल लगाए का रहे हैं, पुराने ग्रिल कहाँ हैं जानकारी नहीं मिल पाई हैं, डिवाइडर में भी पोताई केवल नगर पालिका कार्यालय के सामने हुआ हैं जहाँ उपमुख्यमंत्री का स्वागत किया जाना था। बाकी जगहों पर छबाई और ग्रील लगाया गया, और काम जारी भी था पर आरटीआई लगने पर काम रुक गया।
मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र में बिना टेंडर और बिना वर्क आदेश के डिवाइडरों में इतना बड़ा सौंदर्यीकरण, मरम्मत कार्य बिना किसी के मौखिक आदेश या सहमति के कोई ठेकेदार भला क्यों करेगा ? यदि ठेकेदार को कोई कार्यादेश नहीं मिला, कोई टेंडर नहीं हुआ तो उसके द्वारा शासकीय संपत्ति में अपने मन से मरम्मत, छबाई और सौंदर्यीकरण कैसे कराया जाने लगा ? ऐसे में ठेकेदार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही और FIR दर्ज क्यों नहीं कराया गया ?
भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारियों पर मुंगेलीवासियों ने संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि मुंगेली शहर के डिवाइडरों में बिना निविदा व बिना कार्यादेश के ठेकेदार द्वारा मरम्मत, पोताई, ग्रिल लगाने जैसे कार्य किये गए उसमें भी भारी अनियमितता बरती गई, और अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई हैं, मामले का खुलासा होने पर अब भुगतान तो अभी फिलहाल नहीं हुआ हैं, तो ऐसे में अधिकारियों, नेताओं द्वारा ठेकेदार को उक्त कार्य का भुगतान करने कुछ प्लान किया जा सकता हैं, जिसमें शहर के डिवाइडरों में मरम्मत, पोताई, छबाई, ग्रिल लगाना सहित अन्य कार्य का टेंडर निकाल उसी ठेकेदार को ठेका दिया जा सकता हैं ताकि बकाया भुगतान को उसी कार्य मे मिलाकर भुगतान किया जा सके, ऐसे में अब शहर के डिवाइडरों में इस तरह के मरम्मत व सौंदर्यीकरण के कार्य का निविदा निकाला जाता हैं तो इस ठेकेदार को टेंडर में भाग लेने न दिया जाये, तथा उसके और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। वहीं मुंगेलीवासियों और नेताओं को आपस में चर्चा के दौरान चुटीले अंदाज में कहते सुना गया कि नगर पालिका में अनुभव का भ्रष्टाचार हैं या भ्रष्टाचार का अनुभव हैं ? दैनिक भारत भास्कर रायपुर के पास नगर पालिका के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के दस्तावेजी साक्ष्य मौजूद हैं। नगर पालिका अधिकारी के कई ऐसे मामले भी हैं जहां नोटिस देने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई, जिसका अर्थ बखूबी समझा जा सकता हैं कि किस तरह अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा हैं।
उक्त दोनों मामले की शिकायत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग छत्तीसगढ़ के संचालक कुंदन कुमार से की गई, उनके द्वारा कार्यवाही का आश्वासन दिया गया।