प्रलय श्रीवास्तव
17वीं लोकसभा के लिए साल 2019 में मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए थे। देश में जहां लोकसभा की कुल सीट 543 थी वहीं मध्य प्रदेश में 29 थी. देश में 91,19,50,734 मतदाता थे तो मध्य प्रदेश में 5,18,67,474 मतदाता थे। देश में पुरुष मतदाताओं की संख्या 47.34 करोड़ तो प्रदेश में 2.70 करोड़ थी। महिला मतदाताओं की संख्या देश में 43.85 करोड़ और मध्य प्रदेश में 2.48 करोड़ थी। पूरे देश में साल 2019 में 39075 थर्ड जेंडर मतदाता थे जबकि मध्य प्रदेश में 1417 ऐसे मतदाता थे . ईवीएम से डाले गए वोटो की संख्या 61.19 करोड़ थी तो मध्य प्रदेश में 3.68 करोड़ थी। देश में डाक मत पत्रों की संख्या 28.07 लाख थी जबकि मध्य प्रदेश में 73000 मतपत्र डाले गए थे । इस प्रकार ईवीएम एवं डाक मत पत्र मिलाकर कुल 61.47 करोड़ वोट पूरे देश में डाले गए थे तो मध्य प्रदेश में 3.69 करोड़ वोट डाले गए थे ।
पूरे देश में पिछले लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या 8054 थी तो मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव लड़ने वालों की संख्या 438 थी। इनमें पूरे देश में 7322 पुरुष उम्मीदवार थे तो मध्य प्रदेश में 398 पुरुष उम्मीदवार थे। देश में महिला उम्मीदवारों की संख्या 726 तो मध्य प्रदेश में 40 थी। पूरे देश में 6 प्रत्याशी ऐसे थे जो थर्ड जेंडर की श्रेणी में आते थे जबकि मध्य प्रदेश में इस श्रेणी का ऐसा कोई भी उम्मीदवार पिछले चुनाव में नहीं था । इस बार 2024 के चुनाव में जरूर दमोह से थर्ड जेंडर का एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।
सर्वाधिक उम्मीदवार उम्मीदवार वाला संसदीय क्षेत्र तेलंगाना प्रदेश का निजामाबाद था, जहां 185 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया था तो मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा उम्मीदवार वाला क्षेत्र भोपाल संसदीय क्षेत्र था, जहां 30 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी । देश में सबसे कम उम्मीदवार वाला संसदीय क्षेत्र मेघालय का तूरा था तो मध्य प्रदेश में सबसे कम 6 उम्मीदवार देवास लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे । देश में सबसे अधिक मतदाताओं वाला संसदीय क्षेत्र तेलंगाना प्रदेश का मल्काज गिरी था, जहां कुल 31 लाख 50 हजार 313 मतदाता थे जबकि मध्य प्रदेश में सर्वाधिक मतदाताओं वाला क्षेत्र इंदौर था, जहां 23 लाख 580 मतदाता थे ।
वर्ष 2019 में सबसे कम मतदाता वाला संसदीय क्षेत्र 2019 में गोरखपुर, उत्तर प्रदेश था। यहां मतदाताओं की संख्या 19,81,197 थी तो मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र ऐसा था, जहां सबसे कम 15 लाख 14 हजार 783 मतदाता थे। साल 2019 में देश में जब मतदान सम्पन्न हो गया तो जो तस्वीर निकलकर सामने आई उसके अनुसार सबसे अधिक नोटा वोट बिहार के गोपालगंज में में डाले गए थे जिनकी संख्या 51,660 थी। जबकि मध्य प्रदेश में सर्वाधिक 35,431 नोटा वोट रतलाम संसदीय क्षेत्र में डाले गए थे। देश में सबसे कम नोटा वोट लक्ष्यदीप में 100 डाले गए थे। वही मध्य प्रदेश में सबसे कम नोटा वोट 2098 मुरैना संसदीय क्षेत्र में डाले गए थे। सबसे अधिक 2.0% बिहार में तथा सबसे कम नागालैंड में 0.20 प्रतिशत नोटा वोट दर्ज हुए थे । लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 65 करोड़ 22 लाख 722 नोटा को वोट मिले थे।