रायपुर। कोरोना वायरस कोविड-19 की तीसरी लहर के बीच जहां प्रदेश में कोरोना पॉजीटिव के मामले शनिवार रात 3455 दर्ज किए गए हैं, वहीं सिर्फ रायपुर जिले में ही 1024 मामलों के मिलते ही राजधानी में लॉकडाउन लगने की अफवाह सरगर्म है जिसके चलते पिछले 2 लॉकडाउन में सिगरेट, गुटखा, पान मसाला, खाद्य सामग्री यथा खाद्य तेल, किराना सामान एवं रोजमर्रा उपयोग होने वाले सामानों के मूल्यों में एकाएक वृद्धि से जहां उपभोक्ता परेशान हैं वहीं जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में खाद्य विभाग द्वारा बरती गई उदासीनता के प्रति कालाबाजारियों एवं मुलाफाखोरों के खिलाफ कार्यवाही नहीं होने से लोग चिंतित हो गए हैं, वहीं कृत्रिम रूप से आवश्यक वस्तुओं में जमाखोरी की खबरें भी सूत्रों से मिली है। राज्य शासन एवं केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक लॉकडाउन के संबंध में तीसरी लहर को लेकर अधिकारिक तौर पर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है, बावजूद इसके छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं अनेक राज्यों में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों को लेकर वहां की राज्य सरकारों द्वारा जहां रात में नाईट कफ्र्यू लगाया गया है वहीं दूकानों का समय रात 10 बजे बंद करने के आदेश एवं सुबह 6 बजे तक कफ्र्यू जारी रहने की स्थिति का लाभ उठाकर कतिपय व्यापारी आम लोगों को लॉकडाउन का भय दिखाकर अपनी दूकान जमकर चला रहे हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में त्वरित कार्यवाही के अभाव में अधिकतम उपभोक्ता वस्तुएं दुगुने-चौगुने दामों में बिकने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस संबंध में शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता जेडी वाजपेयी ने मुख्यमंत्री से जमाखोर एवं मुनाफाखोर अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर सख्त कार्यवाही की मांग की है।