इस्लामाबाद
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार खराब होती जा रही है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि 1 करोड़ लोग गरीब हो सकते हैं। पाकिस्तान में महंगाई है और कोई भी उद्योग रोजगार नहीं पैदा कर पा रहा है। विदेश में बैठे पाकिस्तानियों की ओर से भेजा जाने वाला धन ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को जीवनदान दे सकता है। लेकिन इस मामले में भी पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल पाकिस्तान के लोग खाड़ी के देशों में मजदूरी करते हैं। लेकिन अब सऊदी और यूएई पाकिस्तानियों को नहीं चाहते।
इसका सबसे बड़ा कारण है कि पाकिस्तान के लोगों के पास स्किल नहीं है। ये बात पाकिस्तानी भी मान रहे हैं। पाकिस्तान के विश्लेषक इम्तियाज गुल ने इस मुद्दे पर रिक्रूटमेंट एजेंसी जान मोहम्मद एंड संस के इसाम बेग से बात की। बेग ने कहा कि पाकिस्तान को इस समय विदेश से आने वाले धन की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिडिल ईस्ट में पाकिस्तानियों की जरूरत है। लेकिन इनके पास कोई ट्रेनिंग नहीं होती, जिस कारण वह मजदूर ही बने रहते हैं।
पाकिस्तानियों को ट्रेनिंग की जरूरत
बेग ने आगे कहा कि अगर पाकिस्तानियों को मेडिकल या फिर हॉस्पिटैलिटी के सेक्टर में ट्रेनिंग दी जाए तो इन्हें दूसरी तरह की नौकरियां मिल सकती हैं। उन्होंने आगे कहा कि सऊदी अरब पाकिस्तानियों को नहीं चाहता। क्योंकि पाकिस्तानी ट्रेन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि हमारे पास मजदूरों के अलावा है ही क्या? उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए काफी मुश्किल है, क्योंकि सऊदी ने अफ्रीका की मार्केट खोल दी है और वहां के मजदूर अब इनकी जगह ले रहे हैं।
भारत की नहीं कर सकते बराबरी
उन्होंने आगे कहा कि हम इंडिया से बराबरी नहीं कर सकते। भारतीयों का नजरिया और उनकी ट्रेनिंग अलग है। उन्होंने कहा कि फिलीपींस की सरकार अपने सभी मजदूरों को ट्रेनिंग देकर भेजती है। ट्रेनिंग की कमी के कारण ही पिछले साल बिना किसी नोटिस के यूएई ने अनस्किल्ड पाकिस्तानियों के लिए वीजा बैन कर दिया था। पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ी मुश्किल की बात थी। पाकिस्तान ओवरसीज एम्प्लॉयमेंट प्रमोटर्स एसोसिएशन ने कहा था कि बिना किसी पूर्व सूचना के वीजा देना बंद कर दिया गया।