महासमुंद
पिरदा सहकारी समिति में 2021 में किसानों से खरीदे धान, बारदाना के रखरखाव व भंडारण में 4 करोड़ 44 लाख 65 हजार 510 रुपए का घोटाला मामले में 7 लोगों पर न्यायालय के आदेश के बाद बसना पुलिस ने धारा 153, 3 के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। लेकिन किन-किन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, इसका उल्लेख न तो पुलिस ने डीएसआर में दिए हैं और न ही पुलिस का कोई जवान इन नामों को बता पाने में सक्षम हैं। आरोपियों के नाम को लेकर एसपी और थानेदार तक ने यहां तक कह दिया कि नाम नहीं बता सकते। इस समिति में खरीदी से 17 हजार 210 क्विंटल धान का स्टॉक कम मिला था। साथ ही धान की 65 हजार 467 बोरियां कम पाई गई थी।
इस मामले में अभी बसना पुलिस को संवेदनशील बताते हुए जिन आरोपियों के खिलाफ एफ आईआर दर्ज की गई है, उनके नाम बताने से इंकार कर रही है। हालांकि शिकायतकर्ता ने विभागीय जांच में जिन 7 लोगों पर अनियमितता का आरोप लगा था, उनका नाम सार्वजनिक कर दिया है। लेकिन इसकी पुष्टि करने में भी पुलिस परहेज कर रही है। इसके पहले भी शिकायतकतार्ओं के कहने पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया था। इसके बाद प्रार्थी न्यायालय की शरण में गए और न्यायालय से आदेश जारी होने पर पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई की है। इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह ने बताया कि मामला साल 2020-21 में हुए धान घोटाले से संबंधित है। इसमें 7 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मामले में वैधानिक कार्रवाई जारी है। नाम नहीं बता सकता।
वहीं बसना थाना प्रभारी शशांक पौराणिक ने कहा कि धान घोटाले मामले में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर किया गया है। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है, उनके नाम नहीं बता सकता। बस इतना ही ब्रीफ है कि धान घोटाले में कार्रवाई हुई है। गौरतलब है कि पिरदा सहकारी समिति में 2021 में कुल 68539.20 क्विंटल धान खरीदी गई थी। जिसमें 17 हजार 210 क्विंटल धान की कमी पाई गई। तब राज्य सरकार 2500 रुपए के समर्थन मूल्य पर प्रति क्विंटल धान खरीद रही थी। लिहाजा धान खरीदी, रखरखाव और परिवहन में ही 4 करोड़ 30 लाख 26 हजार 800 रुपए की अनियमितता बरती गई। वहीं समिति में जांच के दौरान 65 हजार 467 बारदाने की कमी पाई गई। इस बारदाने की कीमत 14 लाख 38 हजार 710 रुपए है। यानी धान खरीदी और बारदाने में 4 करोड़ 44 लाख 65 हजार 510 रुपए का घपला किया गया है।