दुर्ग। रात के 12 बजे रहे हो या और भी कोई वक्त बस उन्हें एक फोन आता है कि सड़क पर एक गरीब ठंड से ठिठुर रहा है। वे कुछ ही ही देरी में वहां हाजिऱ हो जाते है और बिना किसी से कुछ कहे उन गऱीबों क़ो कंबल ओढ़ाकर चले जाते है। शहर में इन दिनो रात में मसीहा बन कई ग्रुप सामाजिक जिम्मेदारी निभा रहे है। इनमे से एक जीव दया ग्रुप, जो न केवल ठंड में लोगों को कंबल देकर उन्हें ठंड से बचा रही है साथ ही गायों को रोटी खिलाने से लेकर चिडिय़ों के लिए भी दाना-पानी का भी इंतज़ाम करते हैं। ग्रुप के युवाओं का कहना है कि छोटी-छोटी मदद के ज़रिये वे सभी जीव सेवा में जुड़े है। ग्रुप में अर्पित लोढ़ा, मयंक लुनिया, अशोक लोढ़ा, राहुल कोचर, नीरज लुनावत, प्रवेश पारख, आदित्य नाहर, शैलेश बुरड, अमित बाफना, मयंक बोथरा, ऋषभ गोलछा, मतिश चोपड़ा, यश बरडिया सहित 30 युवा शामिल है। जो निस्वार्थ भावना से जुड़े हुए है। अपने बिजऩेस, नौकरी के बीच थोड़ा सा समय निकालकर वे मानव सेवा में जुटे हुए है।
टीम बनाकर काम-ग्रुप के राहुल कोचर और मयंक बोथरा ने बताया कि ठंड के दिनो में कंबल बाटने अलग-अलग ग्रुप बना बनाए गये है जिऩमें से कुछ लोगों के नम्बर सोशल मीडिया पर दिए गए है। ताकि कोई भी व्यक्ति उन्हें फोन करके जानकारी दे सके। फ़ोन आते ही उनका ग्रुप मदद के लिए तुरंत ही पहुंच जाता है। उन्होंने बताया कि ठंड से बचने के लिए वे कंबल बाटते है।