Home छत्तीसगढ़ जइंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन के बीपी चेक करने का सही तरीका..

जइंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन के बीपी चेक करने का सही तरीका..

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जब तक आप बीमार न हों जांच न कराएं। अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने तुरंत बीपी मशीन लगवाकर रिपोर्ट बताई। जांच की यह प्रक्रिया कई बीमारियों को बढ़ा रही है। इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन के बीपी चेक करने का सही तरीका बचने के उपाय और उपाय के बारे में जानकारी दी।

प्रश्न: जीवनशैली में बदलाव के बाद भी मुझे जीवन भर दवा लेने की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: उच्च रक्तचाप के अधिकांश रोगियों को पता ही नहीं होता कि वे बीमार हैं। इसके लिए दो कारण हैं। एक तो इस बीमारी के लक्षण सामने नहीं आते और दूसरा ब्लड प्रेशर चेक करने की प्रक्रिया सही नहीं होती है। उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण हृदय, मस्तिष्क, धमनियों और गुर्दे के रोग हैं। जब किडनी फेल हो जाती है । या स्ट्रोक होता है। तो पता चलता है। कि हाइपरटेंशन था। 2010 के बाद से गरीब देशों में उच्च रक्तचाप में काफी वृद्धि हुई है। इसलिए किडनी और स्ट्रोक की समस्या भी बढ़ गई है।

प्रश्न: मरीजों को जीवनशैली में क्या बदलाव करने चाहिए?

उत्तर: ताजे फल और सब्जियां खाएं। धूम्रपान से दूर रहें। तेल और वसा से बचें। व्यायाम-योग करें। 8 घंटे सोएं। निराशा से बचें। खुश रहें मोटापा कम रखें। अगर आप दुबले-पतले हैं तो भी ध्यान रखें।

प्रश्न: पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक रोग हो रहे हैं। इसका कारण क्या है?

उत्तर: महिलाएं पुरुषों की तुलना में बहुत कम बीपी टेस्ट करती हैं। इसलिए उन्हें देर से पता चलता है। इस वजह से रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी अधिक समय लगता है। दुनिया भर में एक अजीब चलन यह भी है। कि जब पति को कोई बीमारी होती है। तो पत्नी उसका पूरा ख्याल रखती हैं। लेकिन पत्नी को कोई बीमारी हो तो पति पत्नी की देखभाल उतनी शिद्दत से नहीं करता। इसे बदलना होगा।

प्रश्न: उच्च रक्तचाप की जांच का सही तरीका क्या है?

उत्तर: डॉक्टर के पास जाते ही ब्लड प्रेशर ना नापना चाहिए। पहले व्यक्ति को कम से कम 5 मिनट तक शांत बैठना चाहिए। मूत्राशय हल्का होना चाहिए। जांच के दौरान बात भी नहीं करते। फिर 5 मिनट के अंतराल पर 3 बार ब्लड प्रेशर नापना चाहिए। परीक्षण स्थल के आसपास कोई शोर नहीं होना चाहिए। तीन परीक्षणों के औसत को सही रक्तचाप माना जाना चाहिए। इसके साथ ईसीजी भी होना चाहिए।

प्रश्न: इस रोग के क्या कारण हैं?

उत्तर: दशकों के शोध के बाद भी 90% मामलों में सटीक कारण ज्ञात नहीं है। यदि रोग वंशानुगत है। तो जोखिम बढ़ जाता है। यह रोग वायु या ध्वनि या दोनों प्रदूषण के आसपास होने के कारण भी अधिक होता है। 120/70 से 130/80 के बीच एवरेज बीपी नॉर्मल रहता है। अगर 130/80 से ऊपर है तो यह प्री-हाइपर टेंशन स्टेज में है। 140/90 से ऊपर दवा लेने की जरूरत है। जीवन भर दवा ले लो नहीं तो बीमारी दिल, दिमाग, किडनी तक पहुंच जाएगी।

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