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सीबीआई की कार्रवाई: ‘पी चिदंबरम’ के ‘बेटे’ के 9 ठिकानों पर छापेमारी…

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नई दिल्ली। सीबीआई ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के 9 ठिकानों पर छापेमारी की है।दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और तमिलनाडु में चिदंबरम के कार्यालयों और घरों पर कार्रवाई जारी है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ कथित विदेशी निवेश को लेकर यह कार्रवाई की है। जांच जारी है।

रिपोर्ट के अनुसार, चिदंबरम के घरों और कार्यालयों की तलाशी से पता चला है कि कार्ति चिदंबरम ने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड परियोजना के लिए कथित तौर पर चीनी श्रमिकों से रिश्वत ली है। आरोप है कि उसने चीनी कामगारों को वीजा दिलाने के एवज में 50 लाख रुपये लिए हैं।

कार्रवाई के बाद कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि यह (सीबीआई की कार्रवाई) कितनी बार हुआ है, मैं गिनती भूल गया हूं। इसका रिकॉर्ड होना चाहिए। आपको बता दें कि सीबीआई ने इस मामले में 2010-2014 के बीच नया मामला दर्ज किया है। इसी मामले में आज की कार्रवाई की गई है।
सीबीआई अफसर गेट फांदकर घर में घुसे
सीबीआई तमिलनाडु में तीन, मुंबई में तीन, पंजाब में एक, कर्नाटक में एक और ओडिशा में एक सहित नौ जगहों पर तलाशी ले रही है। दिल्ली में पी चिदंबरम के घर का गेट बंद होने के कारण सीबीआई अधिकारी गेट से कूदकर अंदर दाखिल हुए। सीबीआई ने उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है।
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा यह मामला साल 2007 का है और आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर थीं शीना बोरा मर्डर की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी। ये दोनों भी इस मामले में आरोपी हैं। आरोपों के मुताबिक पी चिदंबरम ने उस समय वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया हाउस को 305 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को रुपये की धनराशि लेने के लिए मंजूरी दी गई थी।
एयरसेल-मैक्सिस सौदे में भी आरोपी
इस प्रक्रिया में जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। वहीं, 2018 में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का भी केस दर्ज किया था। चिदंबरम एयरसेल-मैक्सिस सौदे में भी आरोपी हैं। कार्ति पर इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ एक कर मामले को निपटाने के लिए अपने पिता की हैसियत का इस्तेमाल करने का भी आरोप है।

मार्च 2018 में, इंद्राणी मुखर्जी ने एक बयान में सीबीआई को बताया था कि उन्होंने और कार्ति चिदंबरम ने एफआईपीबी से आईएनएक्स मीडिया मंजूरी प्राप्त करने के लिए 1 मिलियन अमरीकी डालर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद जुलाई 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट ने शीना वोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी को आईएनएक्स मामले में मुख्य गवाह बनाने पर सहमति जताई थी।
106 दिन बाद जेल से बाहर आए पी चिदंबरम
इसके बाद आईएनएक्स मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और फिर इसी मामले में ईडी को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।4 दिसंबर 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। ईडी मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को जमानत दे दी है। वह 106 दिनों तक तिहाड़ जेल में रहे।

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