नवा रायपुर: और बिलासपुर को मिलाकर राज्य में 3 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। लेकिन इस बार 12 और शहरों ने इसमें शामिल होने की तैयारी की है इनमें से 4 शहर दुर्ग जिले के ही है। इन शहरों को चयन के लिए एक प्रतियोगिता में भाग लेना होगा।
स्मार्ट सिटी मिशन की मौजूदा योजना के तहत केंद्र सरकार ने 4 राउंड में देशभर के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के दायरे में लाया है पांचवें राउंड के लिए इस योजना में एक बड़ा बदलाव यह आ रहा है कि स्मार्ट सिटी के रूप में चुने जाने के लिए पहले से चयनित या नए दावेदार शहरों को प्रतियोगिता में जाना होगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रस्ताव जल्द आने के बाद पांचवां दौर शुरू होगा, यानी दो-तीन महीने में प्रतियोगिता हो सकती है। नई अवधारणा का एक प्रावधान यह भी है। कि जो शहर पहले चुने जा चुके है उन्हें भी समाप्त कर दिया जाएगा अन्यथा वे प्रतियोगिता में नहीं टिकेंगे। राज्य के मौजूदा तीन स्मार्ट शहरों को भी इस प्रतियोगिता में भाग लेना होगा। स्मार्ट सिटीज मिशन ने पहले से ही चयनित शहरों को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जून 2023 तक का समय दिया है। इसके बाद उन्हीं शहरों को फंड मिलेगा। जिनका काम बेहतर होगा। इससे पहले भी पांचवें दौर में नए शहरों से मुकाबला होगा। देश में स्मार्ट सिटी मिशन जून 2015 में शुरू किया गया था। इसके बाद जनवरी 2016 से 2018 तक शहरों के चयन के चार दौर हुए। 100 स्मार्ट शहरों में 2,65,018 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का चयन किया गया। पहला स्मार्ट सिटी मिशन पूरा करने के लिए 5 साल की अवधि थी। बाद में इसे जून 2023 तक बढ़ा दिया गया था। रायपुर को पहली बार मई 2016 में स्मार्ट सिटी के लिए चुना गया था। तीसरे दौर यानी जून 2017 में बिलासपुर और नवा रायपुर को भी शामिल किया गया था।
इन शहरों का दावा
दुर्ग, भिलाई, भिलाई-चरौदा, रिसाली, बिरगांव, राजनांदगांव, धमतरी, अंबिकापुर, कोरबा, चिरमिरी, जगदलपुर और रायगढ़।
रायपुर में 285 परियोजनाएं
रायपुर में चयनित 285 परियोजनाओं में से 130 पूर्ण हो चुकी है। वहीं, बिलासपुर में चयनित 101 कार्यों में से 17 से अधिक परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है। नवा रायपुर में चयनित 67 परियोजनाओं में से केवल 2 ही पूरी हो पाई है।
बेहतर योजना बनाएं, फिर चुनें
स्मार्ट सिटी में शामिल होने के लिए नए शहरों को अपनी विकास परियोजनाओं और योजना के बारे में बताना होगा। प्लान एबीडी और पैन सिटी के लिए होगा। इसमें आम लोगों की राय भी शामिल होगी, यानी स्मार्ट सिटी के दावे के लिए शहर जो योजनाएं देगा, वह लोग ही बताएंगे कि वे कितने उपयोगी होंगे. यदि पुराने शहर उसी प्रतियोगिता में कसौटी पर खरे नहीं उतरते हैं, तो उन्हें जून 2023 के बाद कोई फंड नहीं मिलेगा।
सभी 12 शहरों को मिला मौका, इसे आजमाएं
हमारे पास स्मार्ट सिटी में तीन शहर है। 12 और शहर दावे के लिए तैयार है। कोशिश की जा रही है। कि इनमें से ज्यादातर को स्मार्ट सिटी मिशन में मौका मिले। इसके लिए केंद्र जो प्रक्रिया अपनाएगा, उसके मुताबिक हम काम करेंगे। पुराने शहरों को भी बरकरार रखने के प्रयास जारी है।