क्या आपने कभी ऐसे धान की किस्म के बारे में सुना है। जिसका बीज हासिल करने के लिए नर व नारी धान की शादी कराई जाती है। छत्तीसगढ़ में ऐसी एक किस्म है। जिसे लगाकर किसान एक एकड़ में एक लाख रुपए तक का फायदा ले रहे है। दरअसल, नर व मादा पौधों को खेत में ही क्रास यानी पर पूरक परागण कराया जाता है।
इस दौरान नर पौधों का पराग, मादा पौधे में जाता है, जिससे बीज बनता है। इसी से धान के पौधे तैयार होते है। एक एकड़ में 10 से 15 क्विंटल तक पैदावार हो रही है। इस किस्म के धान के बीज की मांग मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में है।
5 लाख हेक्टेयर में हो रही खेती
ये धान 5 लाख हेक्टेयर में हो रहा है। एक एकड़ में 15 क्विंटल तक धान होता है। प्रति क्विंटल धान की कीमत 9000 रुपए के आसपास है। एक एकड़ खेत में 1.35 लाख रुपए तक मिल जाते है। धमतरी के अलावा बालोद व दुर्ग जिले में किसान इस किस्म के धान की फसल ले रहे है। धमतरी में 5 हजार एकत्र से ज्यादा में इस किस्म की फसल ली जा रही है। रायपुर में अब धीरे-धीरे ये बढ़ने लगा है।
दो कतार नर व आठ कतार मादा
नर-नारी धान के पौधों को क्रास कराने के लिए रस्सी या बांस का सहारा लिया जाता है। दो कतार नर व छह से आठ कतार में मादा पौधे होते है। इन्हें सीड पैरेंट्स भी कहा जाता है। इसकी रोपाई का तरीका दूसरी किस्मों से बिल्कुल अलग है। इसके पौधे को रोपाई से तैयार किया जाता है। बोनी या लाईचोपी पद्धति से इस धान का उत्पादन संभव नहीं है। धान के पौधे एक सीधी कतार में लगाए जाते है।