वैज्ञानिकों ने पहली बार हमारी आकाशगंगा के मध्य में स्थित धनु A* नामक ब्लैक होल की तस्वीर ली है। यह सूर्य के द्रव्यमान का 4 मिलियन गुना है और पृथ्वी से 9.5 ट्रिलियन किलोमीटर दूर है। ब्लैक होल की जारी की गई यह दूसरी तस्वीर है। इससे पहले अप्रैल 2019 में M87 Galaxy के ब्लैक होल की तस्वीर सामने आई थी।
यह अनोखी खोज इवेंट होराइजन टेलीस्कोप सहयोग में शामिल शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने की है। उन्होंने इस तस्वीर को रेडियो टेलीस्कोप के विश्वव्यापी नेटवर्क की मदद से विकसित किया। इस शोध के परिणाम द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित किए गए हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि ब्लैक होल क्या है?
ब्लैक होल एक खगोलीय पिंड है। जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है। कि प्रकाश सहित कोई भी चीज इसके खिंचाव से बच नहीं सकती है। इसमें वस्तुएं गिर सकती हैं। लेकिन बाहर कुछ नहीं आ सकता। यह अपने ऊपर पड़ने वाले प्रकाश को भी सोख लेता है। ब्लैक होल तब बनते हैं। जब तारे अपना परमाणु ईंधन छोड़ते हैं या वे मर जाते हैं।
इस तरह ली गई ब्लैक होल की तस्वीर
धनु A* का चित्र इंटरफेरोमेट्री तकनीक से लिया गया है। इसके माध्यम से 4 दूरबीनों से प्राप्त आंकड़ों को मिलाकर एक तस्वीर या वीडियो बनाया जा सकता है। धनु A* की यह तस्वीर अब तक की सबसे साफ तस्वीर है।
इन दूरबीनों की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्लैक होल की अपनी कोई रोशनी न होने के बाद भी हमें इसकी इतनी स्पष्ट छवि मिली। वैज्ञानिकों ने चारों ओर घूमते तारों की रोशनी में ब्लैक होल की पहचान की और उसकी तस्वीर ली।
चित्र के केंद्र में एक ब्लैक होल देखा जा सकता है। जिसके चारों ओर प्रकाश का एक वलय है। यह वलय वास्तव में बहुत गर्म गैस है ।जो गुरुत्वाकर्षण से बंधी होती है। इसका आकार 6 करोड़ किलोमीटर है।
2019 में देखे गए ब्लैक होल से अलग
वैज्ञानिकों ने 2019 में जिस ब्लैक होल की तस्वीर जारी की थी वो Sagittarius A* से काफी अलग था। मेसियर 87 या M87 गैलेक्सी का यह ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान से 6.5 बिलियन गुना से एक हजार गुना ज्यादा बड़ा था। यह आंकड़ा इतना बड़ा है कि इसे गणित के अंकों में भी नहीं लिखा जा सकता है।