बालाघाट
मध्य प्रदेश में भाजपा ने सभी 29 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। इस चुनाव में मध्य प्रदेश की बालाघाट लोकसभा सीट की काफी चर्चा है। दरअसल, भाजपा ने यहां से वर्तमान सांसद ढाल सिंह बिसेन का टिकट काटकर एक पार्षद को अपना प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के इस फैसले ने सबको चौंका दिया है। आइये जानते हैं कि आखिर क्या वजहें रहीं कि भाजपा ने भारती पारधी को पार्षद से सीधा लोकसभा चुनाव का टिकट दे दिया।
भाजपा का गढ़ है बालाघाट
बालाघाट लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। इस सीट से भाजपा पिछले 6 चुनावों से यहां जीतते हुए आ रही है। इस सीट को भाजपा के पूर्व सांसद गौरी शंकर बिसेन का गढ़ बताया जाता है। गौरीशंकर बिसेन साल 1998 और 2004 में यहां से सांसद भी रहे और विधायक बनकर प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बिसेन समाज के ही ढाल सिंह बिसेन को टिकट दिया गया और वो चुनाव जीतकर सांसद बने। लेकिन इस बार गौरी शंकर बिसेन के तिलिस्म से बाहर आकर भाजपा ने भारती पारधी पर भरोसा जताया है।
कौन हैं भारती पारधी
एमपी की बालाघाट लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने भारती पारधी को टिकट दिया है। वर्तमान में बालाघाट में सांसद ढाल सिंह बिसेन हैं जिनका टिकट इस बार पार्टी ने काटते हुए पार्षद भारती पारधी को मौका दिया है। भारती पारधी पंवार समाज से आती हैं और उनके ससुर स्वर्गीय भोलाराम पारधी सांसद रहे हैं। भारती पारधी महिला मोर्चा और जिला संगठन में कई पदों पर भी काम कर चुकी हैं। पारधी पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान कैबिनेट मंत्री पहलाद पटेल की समर्थक बताई जाती हैं।
पहली बार महिला को लोकसभा टिकट
बताया जा रहा है कि यह पहला अवसर है जब बालाघाट संसदीय क्षेत्र में भाजपा ने किसी महिला उम्मीदवार को संसदीय चुनाव में उतारा है। भारती पारधी प्रखर वक्ता हैं। संसदीय क्षेत्र के पंवार बाहुल्य जाति से आती हैं। वर्तमान में बालाघाट नगरपालिका की पार्षद हैं। अपनी राजनीति की शुरुआत उन्होंने वर्ष 1999-2000 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में की थी। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में एक वोट से हारने के बाद वह चुनावी राजनीति से दूर होकर संगठनात्मक राजनीति में सक्रिय हो गईं।
भारती भाजपा में एक बार भाजपा संगठन में उपाध्यक्ष ओर दो बार महामंत्री के साथ महिला मोर्चा में राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के दायित्व का निर्वहन कर चुकी हैं। हालांकि इनका भाजपा के सभी गुटों से तालमेल बराबर है, लेकिन इन्हें प्रहलाद गुट का माना जाता है। यही कारण है कि महाकौशल में अच्छी पकड़ रखने वाले प्रहलाद पटेल ने इनका नाम आगे बढ़ाया था। संगठन ने स्वीकार करते हुए पार्षद भारती पारधी पर अपना विश्वास जताया है।