नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज पश्चिमी माल ढुलाई गलियारे के परिचालन नियंत्रण केंद्र तथा रेलवे नेटवर्क पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए शुरू की गई बुनियादी ढांचा परियोजना के कुछ हिस्सों का उद्घाटन करेंगे। वह पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलिायारा (ईडीएफसी) के 401 किलोमीटर के नए खुर्जा जंक्शन-सानेहवाल खंड और पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) के 224 किलोमीटर के नए मकरपुरा जंक्शन-घोलवाड़ खंड का भी उद्घाटन करेंगे।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन (डीएफसीसी) के एक बयान में कहा गया है कि ईडीएफसी का यह महत्वपूर्ण खंड उत्तर भारत के प्रमुख कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में संपर्क को बढ़ाएगा, जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। डब्ल्यूडीएफसी का 244 किलोमीटर लंबा यह खंड गुजरात के पांच जिलों- वडोदरा, भरूच, सूरत, नवसारी और वलसाड को जोड़ेगा।
बयान में कहा गया कि अहमदाबाद में डब्ल्यूडीएफसी का अत्याधुनिक संचालन नियंत्रण केंद्र (ओसीसी) 1,506 किलोमीटर के गलियारे के लिए कमांड सेंटर के रूप में काम करेगा। बयान के मुताबिक सभी डब्ल्यूडीएफसी स्टेशनों और भारतीय रेलवे से जुड़े, ओसीसी एकीकृत ट्रेन प्रबंधन प्रणाली, समर्पित माल सूचना प्रणाली और पर्यवेक्षक नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण प्रणाली का उपयोग वास्तविक समय की निगरानी, नियंत्रण और मालगाड़ी संचालन की कुशल योजना के लिए करता है।
मालगाड़ियों के 100 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने के साथ, ईडीएफसी ने पूर्वी भारत से क्षेत्रीय बिजली संयंत्रों तक कोयला परिवहन के लिए पारगमन समय को 35 घंटे से घटाकर 20 घंटे से भी कम कर दिया है, जबकि डब्ल्यूएफडीसी ने दूध, सब्जियों, फलों और कृषि उत्पादों जैसे खराब होने वाले सामानों के परिवहन में वृद्धि की है। डीएफसी अब 100 प्रतिशत पूरा हो चुका है और हर दिन 150 से अधिक ट्रेनें 50-60 किमी प्रति घंटे की औसत गति से चलती हैं। डीएफसीसी के बयान में कहा गया है कि डब्ल्यूडीएफसी 81 प्रतिशत पूरा हो चुका है और 100 से अधिक ट्रेनें रोजाना 50-55 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से चल रही हैं।