Home मनोरंजन पुनीत राजकुमार के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा फैंस का हुजूम

पुनीत राजकुमार के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा फैंस का हुजूम

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राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
बेंगलुरु।
कन्नड़ सिनेमा के मशहूर अभिनेता पुनीत राजकुमार 29 अक्तूबर को अचानक से इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनके निधन की खबर ने हर किसी को गहरा झटका दिया है। पुनीत महज 46 साल के थे और दिल का दौरा पड़ने का कारण उनका निधन हो गया। फिटनेस फ्रीक कहे जाने वाले पुनीत को जिम में दो घंटे की एक्सरसाइज करने के बाद सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। पुनीत की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया था जहां डॉक्टर लगातार उन्हें बचाने की कोशिश करते रहे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
उनके निधन ने मनोरंजन जगत का गहरा झटका दिया है। प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री बोम्मई सहित अन्य दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया था। शनिवार को अभिनेता के पार्थिव शरीर को कांतीरवा स्टेडियम में रखा गया है जहां फैंस की भारी भीड़ उनके अंतिम दर्शन करने पहुंची हैं। स्टेडियम की इस भीड़ को संभालने के लिए वहां पुलिस भी तैनात है। भीड़ को देखकर ही अंदाजा लग रहा है कि अपने चहिते सितारे को विदा करते हुए लोगों के दिल पर क्या बीत रही है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को बताया कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ अभिनेता पुनीत राजकुमार का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसी बीच बंगलूरू पुलिस ने एहतियात के तौर पर शहर की सभी शराब की दुकानों को दो रातों के लिए बंद रखने का निर्देश दिया है। पुलिस ने कहा कि कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए गहन गश्त जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पुनीत राजकुमार के निधन पर दुख जताया। उन्होंने उनके साथकी ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में पीएम मोदी और पुनीत राजकुमार चेहरे पर मुस्कान के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए थे। पीएम मोदी ने कहा कि यह पुनीत के जाने की उम्र नहीं थी।
निधन के बाद दान की गईं पुनीत राजकुमार की आंखें, पिता ने भी भी की थी दान…
दान की गईं दिवंगत अभिनेता की आंखें
अभिनेता ने अपने पिता की तरह अपनी आंखें दान कर दीं। प्रसिद्ध अभिनेता डॉ राजकुमार ने 1994 में खुद अपने पूरे परिवार की आंखें दान करवाने का फैसला किया था। गौरतलब है कि डॉ राजकुमार का भी निधन साल 2006 में दिल का दौरा पड़ने का कारण हुआ था। अभिनेता चेतन कुमार ने ट्वीट किया कि डॉक्टरों की एक टीम ने पुनीत के निधन के छह घंटे के भीतर ऑपरेशन किया।
अभिनेता ने लिखा, जब मैं अप्पू सर को देखने के लिए अस्पताल में था तो निधन के बाद छह घंटे के अंदर उनकी आंखें निकालने के लिए डॉक्टरों का एक समूह आया था। जैसे डॉक्टर राजकुमार और निम्माशिवा ने नेत्रदान किए थे वैसे ही अप्पू सर ने भी नेत्रदान किया। इसके साथ ही अभिनेता ने इसे मिसाल बताते हुए लोगों से अपील किया कि वह भी उनके पद्चिन्हों पर चलें और नेत्रदान करें
पुनीत सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं थे बल्कि एक गायक भी थे। उनका जन्म 17 मार्च 1975 को हुआ था। उन्होंने साल 2002 में आई फिल्म अप्पू से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। वो 29 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय कर चुके थे।
पुनीत दक्षिण भारतीय फिल्मों का एक मशहूर नाम थे। पुनीत के पिता राजकुमार इंडस्ट्री के बड़े नाम थे। उन्हें कन्नड़ सिनेमा का आइकन माना जाता था। वह पहले ऐसे कन्नड़ इंडस्ट्री के अभिनेता थे जिन्हें दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिला था। पुनीत के पिता राजकुमार उन्हें और उनकी बहन को फिल्म के सेट पर ले जाया करते थे। पुनीत कन्नड़ सिनेमा में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर्स में शुमार थे।