नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए नियमों को ओर सख्त करने जा रहा है। हाल ही में विजिलेंस सेल के औचक सुरक्षा निरीक्षण में बड़ी खामियां सामने आईं। इसके बाद रेलवे में सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसे लेकर हाल ही में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के महानिदेशक ने देशभर में ट्रेन एस्कॉर्टिंग को लेकर आरपीएफ/आरपीएसएफ के लिए कड़े दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनमें इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा गया है।
हाल ही में रेलवे पुलिस बल के महानिदेशक ने सुरक्षा परिपत्र जारी करते हुए दिशा-निर्देश दिया कि हाल ही में रेलवे बोर्ड के इंटरनल विजिलेंस सेल द्वारा आरपीएफ/आरपीएसएफ ट्रेन एस्कॉर्टिंग टीमों की औचक जांच की गई थी। इसमें सामने आया कि आरपीएफ कॉन्स्टेबल आरपीएसएफ कॉन्स्टेबलों वाली एस्कॉर्ट पार्टियों का नेतृत्व कर रहे हैं और एस्कॉर्ट पार्टी को लीड करने के लिए इंचार्ज के तौर पर कोई उप-अधिकारी/हेड कॉन्स्टेबल तैनात नहीं हैं। यह अधीनस्थ/वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आरपीएफ एस्कॉर्ट्स पर पर्यवेक्षण और निगरानी की कमी को दिखाता है। ट्रेनों की एस्कॉर्टिंग एक नियमित काम है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रेन एस्कॉर्टिंग के लिए तैनात आरपीएफ-आरपीएसएफ स्टाफ और उनके पर्यवेक्षी अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। लिहाज़ा, जोनों में ट्रेन एस्कॉर्टिंग सिस्टम की समीक्षा करने और उसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है।
डीजी ने आगे निर्देश दिया कि जहां तक संभव हो एस्कॉर्ट पार्टी में एक अधीनस्थ अधिकारी होना चाहिए। इसकी अनुपस्थिति में कम से कम एक हवलदार एस्कॉर्ट टीम को लीड करे। साथ ही, एस्कॉर्ट पार्टी को मसलों के बारे में ड्यूटी ऑफिसर द्वारा विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए, जहां उनकी तैनाती की गई है। खासतौर पर क्षेत्र में सक्रिय अपराधी, असमाजिक तत्वों को लेकर साथ ही एस्कॉर्टिंग को लेकर कि वह क्या करें और क्या न करें।
साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ज्यादातर एस्कॉर्टिंग दलों का नेतृत्व एसओ करें। ट्रेन में एस्कॉर्ट पार्टियों की प्रभावशीलता, सतर्कता को सुनिश्चित करने के लिए रास्ते में एस्कॉर्ट चेकिंग रात में 10 बजे से सुबह चार बजे के बीच तय की गई है। नए दिशानिर्देशों के तहत ड्यूटी ऑफिसर को स्टेशन से रात में 10 बजे से सुबह चार बजे के बीच एस्कॉर्ट पार्टी से ज्यादा से ज्यादा संपर्क साधना होगा।