नई दिल्ली। कांग्रेस मुख्यालय 10 जनपद में चल रही कांग्रेस पार्टी के स्थाई अध्यक्ष पद को लेकर चल रही बहस पर फिलहाल सोनिया गांधी ने पूर्ण विराम लगा दिया है। शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने साफ किया कि वह ही कांग्रेस की स्थायी अध्यक्ष हैं।
अपने संबोधन में श्रीमती गांधी ने कहा- पूरा संगठन कांग्रेस को पुनर्जीवित करना चाहता है। लेकिन इसके लिए एकता और पार्टी के हितों को सर्वोपरि रखने की जरूरत है। सबसे बढ़कर, इसके लिए आत्म-नियंत्रण और अनुशासन की आवश्यकता होती है। मैं इस तथ्य के प्रति पूरी तरह से सचेत हूं कि मैं सीडब्ल्यूसी के बाद से अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष रहा हूं, मुझे 2019 में इस क्षमता में लौटने के लिए कहा। इसके बाद, आपको याद होगा, हमने 30 जून तक एक नियमित अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक रोडमैप को अंतिम रूप दिया था। लेकिन कोविद -19 की दूसरी लहर ने देश को पछाड़ दिया और इस समय सीमा को सीडब्ल्यूसी द्वारा 10 मई को हुई अपनी बैठक में अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया गया। आज एक बार और सभी के लिए स्पष्टता लाने का अवसर है पूर्ण संगठनात्मक चुनावों के लिए एक अनुसूची आपके सामने हैं, संगठन के महासचिव वेणुगोपाल आपको बाद में पूरी प्रक्रिया से अवगत कराएंगे।
उन्होंने आगे कहा- मैंने हमेशा स्पष्टता की सराहना की है। मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है तो आइए हम सभी एक स्वतंत्र और ईमानदार चर्चा करें। लेकिन इस कमरे की चारदीवारी के बाहर क्या बात होनी चाहिए, यह सीडब्ल्यूसी का सामूहिक निर्णय है।
G-23 को सोनिया की सीधी सिख
G23-नेताओं को सोनिया गांधी का करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा अगर आप मुझे बोलने की इजाजत दें तो मैं ही कांग्रेस की पूर्णकालिक और कार्यकारी अध्यक्ष हूँ।
सोनिया गांधी ने दो टूक कहा कि उन्होंने हर मामले को गंभीरता से सुना और सुलझाया है। मीडिया के जरिए उनसे बात करने की जरूरत नहीं है। पार्टी के अंदर विशेषतौर पर युवाओं की भागीदारी बढ़ी है। चाहें वह किसानों का मुद्दा हो, महामारी के दौरान राहत पहुंचाना हो या फिर युवाओं व महिलाओं का मुद्दा हो। लखीमपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि यह घटना भाजपा की मानसिकता को दर्शाता है।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जारी है। इस बैठक में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, अशोक गहलोत, आनंद शर्मा,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश समेत पार्टी के 52 वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होगी। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह समेत पांच अन्य नेता बैठक का हिस्सा नहीं हैं।
पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने की मांग की थी। यहां तक कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई जाए और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव और आतंरिक मामलों पर चर्चा की जाए।