रणवीर सिंह स्टारर ‘जयेशभाई जोरदार’ भले ही एक बड़े मुद्दे वाली फिल्म हो लेकिन फिल्म की परफॉर्मेंस कुछ खास नजर नहीं आ रही है। भ्रूणहत्या और रूढ़िवादी सोच को लेकर बनी यह फिल्म समाज में जागरूकता फैलाने के इरादे से बनाई गई थी लेकिन फिल्म का इसका लेखन दर्शकों को पसंद नहीं आया।
फिल्म समीक्षकों के अनुसार फिल्म का लेखन बहुत कमजोर है। और साथ ही इसके सतही प्रदर्शन के कारण फिल्म को समझना मुश्किल है। फिल्म का नाम निस्संदेह जयशभाई जोरदार है। लेकिन फिल्म का प्रदर्शन दमदार नहीं है। ट्रेलर देखकर फिल्म काफी मजेदार और अच्छी लगी, लेकिन पहले दिन कुछ खास कमाई नहीं कर पाई। कहा जा रहा है कि फिल्म की पहले दिन की कमाई रणवीर की फ्लॉप फिल्मों से भी कम रही।
फिल्म एक गुजराती पृष्ठभूमि के बारे में है। जिसमें गुजराज का एक गांव दिखाया गया है। जहां पुरुषवादी सोच वाले लोग रहते है। और पुरुषों का वर्चस्व है। गांव का हाल यह है कि यहां के लड़के शराब पी सकते है। लेकिन लड़कियां साबुन से नहा नहीं सकतीं. यहां लड़कों पर पाबंदी नहीं है। लड़कियों के साबुन से नहाने पर पाबंदी है। गांव वालों और मुखिया के मुताबिक महिलाएं और लड़कियां सुगंधित साबुन से नहाती है। और पुरुषों को उनके साथ छेड़खानी के लिए मजबूर करती है।
फिल्म में जयेशभाई का किरदार रणवीर सिंह ने निभाया है। और उनके माता-पिता की भूमिका बोमन ईरानी और रत्ना पाठक ने निभाई है। इस फिल्म में बोमन को एक रूढ़िवादी सोच वाले गांव के सरपंच के रूप में दिखाया गया है। जिससे उनका बेटा यानी जयेशभाई भी डरता है।
जयेश पहले से ही दो बेटियों के पिता हैं और तीसरी बार भी उनकी एक बेटी होने वाली है। शालिनी पांडे ने फिल्म में रणवीर की पत्नी की भूमिका निभाई थी। डरी हुई बहू को दिखाया गया है।
जयेश अपनी पत्नी के भ्रूण की जांच कराने अपने माता-पिता के साथ जाता है। जहां उसकी मां का कहना है कि अगर इस बार भी बेटी हुई तो वे उसे मार डालेंगे। जयेश को पता चलता है कि उसकी पत्नी के पेट में एक बेटी बढ़ रही है। अपने परिवार के डर से वह अपनी पत्नी के साथ भाग जाता है। इन सब पर फिल्म दिखाई गई है। वह अपनी बच्ची को बचाएगा और उसे दुनिया में लाएगा।