रायगढ़ से सुशील पांडेय की रिपोर्ट
खलबोरा में लगेगा मिनरल वाटर प्लांट और गोट मिल्क पाउडर यूनिट
रायगढ।कलेक्टर भीम सिंह की पहल पर धरमजयगढ़ विकासखण्ड के आदिवासी बाहुल्य ग्राम खलबोरा को गरीबी मुक्त गांव बनाने की अवधारणा के साथ कार्ययोजना तैयार कर काम किया जा रहा है। इसके लिए बीते दिनों कलेक्टर श्री सिंह ने अधिकारियों के साथ वहां पहुंचे थे और गांव वालों से चर्चा कर कार्ययोजना बनाई गई थी। जिसके आधार पर प्रशासन के विभिन्न विभाग अपनी विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों के माध्यम से गांव में सभी परिवारों को आजीविका मूलक गतिविधियों से जोडऩे के लिए कार्य कर रहे है। गत दिवस कलेक्टर श्री पुन: खलबोरा गांव पहुंचे तथा यहां अब तक हुई प्रोग्रेस की समीक्षा की। उन्होंने गांव में प्रत्येक परिवार का सर्वे कर तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर विभागीय योजनाओं द्वारा ग्रामवासियों को लाभान्वित करने गहन समीक्षा की। जिसमें पशु व मछली पालन, मनरेगा, कृषि कार्य, विभिन्न स्किल व टे्रड की टे्रनिंग के माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही गांव में अब मिनरल वाटर प्लांट तथा बकरी के दूध से तैयार होने वाले गोट मिल्क पाउडर निर्माण का प्लांट भी लगाने की योजना है।
कलेक्टर श्री सिंह ने प्रभारी अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक परिवार के आजीविका साधनों से होने वाली आय की गणना करें। जिसके आधार पर गरीबी रेखा से कम आय वाले परिवारों के लिए अतिरिक्त आमदनी के जरिए विभागीय योजनाओं के माध्यम से विकसित किए जा सके। उन्होंने सभी विभागों को सारे काम मिशन मोड में जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने गांव में अब तक किए गए कार्यों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने गांव में एक मिनरल वाटर प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश पीएचई विभाग को दिए। इसी प्रकार पशुपालन विभाग को प्रोटीन व कैल्शियम के साथ अन्य औषधीय गुणों से भरपूर बकरी के दूध से मिल्क पाउडर बनाने के यूनिट लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने गांव में लगने वाले प्रोडक्शन यूनिट से तैयार उत्पादों के विक्रय हेतु मार्केट लिंकेज की दिशा में अभी से काम करने के निर्देश दिए। जिससे उत्पादन शुरू होने पर प्रोडक्ट के लिए मार्केट तैयार मिले। इसी प्रकार उन्होंने गांवों में दोना-पत्तल मशीन तथा पेपर प्लेट्स व ग्लास बनाने की यूनिट लगाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान विभागों द्वारा अब तक किए गए कार्यों का ब्यौरा भी दिया गया। जिसमें रेशम पालन विभाग ने बताया कि गांव में 2 महिला समूहों को रेशम पालन की टे्रनिंग दी जा चुकी है तथा उनके द्वारा काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए उन्हें एक-एक लाख रुपये की राशि भी उपलब्ध करवायी गई है। इसी प्रकार सवई घास से टोकरी निर्माण हेतु एक समूह तथा दोना-पत्तल सिलाई हेतु 2 समूहों का चिन्हांकन कर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिसमें जल्द बैंक से उन्हें राशि उपलब्ध करायी जाएगी। सवई घास से टोकरी तथा अन्य आईटम्स बनाने का प्रशिक्षण जारी है। पशुपालन विभाग ने बताया कि अब तक 94 परिवारों को पशुपालन से जोडऩे हेतु प्रस्ताव तैयार कर उनकी मांग अनुसार पशुओं की व्यवस्था की जा रही है जिसका शीघ्र वितरण किया जाएगा। इसी प्रकार 11 लोगों को मछली पालन से जोड़ा जा रहा है। इसी प्रकार विभिन्न स्किल व टे्रड की ट्रेनिंग हेतु 75 लोगों को चिन्हांकित किया गया है। जिन्हें कम्प्यूटर, मोबाईल रिपेयरिंग, मोटर मैकेनिक, वाहन चालन, सिलाई मशीन व ब्यूटी पार्लर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कलेक्टर श्री सिंह ने गांवों में वन अधिकार पत्र वितरण की जानकारी ली। वन विभाग द्वारा वनाधिकार पट्टे वितरण की धीमी प्रगति पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए संबंधित फारेस्टर के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। साथ ही दो दिन के अंदर सारे आवेदन लेकर एक माह के अंदर वन अधिकार पत्र बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने गांव में आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। किसानों की सिंचाई सुविधा के लिए संयुक्त रूप से बोर खनन करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार मनरेगा के तहत समतलीकरण, गाय व बकरी तथा शूकर शेड, डबरी, कुआं निर्माण के लिए स्वीकृत कार्य भी जल्द पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने स्वास्थ्य योजनाओं के तहत ग्रामवासियों के हेल्थ कार्ड बनाने के निर्देश दिए। साथ ही गांव में सभी किसानों के केसीसी बनाने के लिए कहा। राशन कार्ड व पेंशन से जुड़े प्रकरणों के जल्द निराकरण के निर्देश दिए।
इस दौरान एसडीएम धरमजयगढ़ संबित मिश्रा, उप संचालक पशुपालन डॉ.आर.एच.पाण्डेय, उप संचालक कृषि एल.एम.भगत, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अविनाश श्रीवास सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।