रांची। झारखंड के रांची में एसआईटी ने बीजेपी नेता जीतराम मुंडा की हत्या का खुलासा कर दिया है। एसआईटी ने हत्या आरोपी को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह छुपकर सिविल कोर्ट में सरेंडर करने पहुंचा था। आरोपी की पहचान मनोज मुंडा के रूप में हुई है। उसके कोर्ट आने की भनक लगते ही पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए वहां जाल फैला दिया था।
रांची के ओरमांझी में बीते दिनों भाजपा नेता जीतराम मुंडा की गोली मार हत्या कर दी गई थी। कत्ल की यह वारदात 22 सितंबर की शाम उस वक्त अंजाम दी गई थी, जब जीतराम मुंडा एक होटल पर बैठकर चाय पी रहे थे। उसी दौरान अज्ञात अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी थी। गोली उनके सिर में मारी गई थी, जो सिर के पार निकलकर पास ही बैठे होटल संचालक राजकिशोर साहू के हाथ में जा लगी थी।
मृतक की पत्नी ने मनोज मुंडा समेत दो अज्ञात लोगों के खिलाफ ओरमांझी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच के लिए पुलिस की एसआईटी बनाई गई थी। जो तभी से मनोज मुंडा की गिरफ्तारी के लिए झारखंड और झारखंड के बाहर भी छापेमारी कर रही थी। सूत्रों के अनुसार मनोज मुंडा की तलाश में एसआईटी की टीम झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में भी उसकी तलाश में छापेमारी कर रही थी।
लेकिन आरोपी मनोज मुंडा पुलिस की पकड़ से दूर था। एक दिन पहले ही रांची पुलिस ने मनोज मुंडा की गिरफ्तारी पर 1,00,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। जीतराम मुंडा की हत्या में एसआईटी ने रेकी करने वाले युवक को भी गिरफ्तार कर लिया था। उसने पूछताछ में कई बातों का खुलासा किया था। पूछताछ में मनोज मुंडा का नाम सामने आया था कि मनोज मुंडा ने पीएलएफआई के शूटर को हायर कर जीतराम मुंडा की हत्या करवाई थी। जीतराम बीजेपी एससी मोर्चा (ग्रामीण) के जिलाध्यक्ष थे।