Home देश पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर CBI रेड, 300 करोड़ की रिश्वत...

पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के घर CBI रेड, 300 करोड़ की रिश्वत का मामला, 30 ठिकानों पर छापे

7
0

नई दिल्ली
सीबीआई ने आज (22 फरवरी) पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के ठिकाने पर छापा मारा। साथ ही दिल्ली में 29 अन्य ठिकानों पर भी रेड की है। ये कार्रवाई कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में करप्शन को लेकर की गई। सत्यपाल मलिक ने गवर्नर रहने के दौरान दावा किया था कि हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की 2 फाइलें क्लीयर करने के लिए उन्हें 300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

इससे पहले कीरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को लेकर 6 जुलाई 2022 में भी देशभर में 16 जगहों पर छापेमारी की गई थी। गुरुवार को रेड के बाद मलिक ने X पर पोस्ट किया और कहा कि किसान का बेटा हूं, छापों से नहीं घबराऊंगा।

सत्यपाल मलिक 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे थे। उनका कहना था कि इसी दौरान इस प्रोजेक्ट की फाइल उनके पास आई थी, जिस पर उन्हें मंजूरी के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत का ऑफर मिला था। इस केस में एजेंसी ने चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन नवीन कुमार चौधरी, पूर्व अधिकारियों एम.एस. बाबू, एम.के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा और पटेल इंजीनियरिंग के खिलाफ केस दर्ज किया है।

क्या है आरोप और कैसे हुई ठेके में खेल की कोशिश

सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने सत्यपाल मलिक के आवास पर इस केस से जुड़ी कुछ चीजों के लिए सर्च किया। इस मामले की जांच सीबीआई अप्रैल, 2022 से ही कर रही है। कीरू प्रोजेक्ट किश्तवाड़ से 42 किलोमीटर की दूरी पर है। 20 अप्रैल, 2022 को जम्मू-कश्मीर सरकार ने सीबीआई से मांग की थी कि वह इस मामले की जांच करे। आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के लिए ठेके देने में ई-निविदाएं आमंत्रित न करने का फैसला लिया गया था। आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि कॉन्ट्रैक्ट देने में घोटाला किया जा सके।

मलिक ने 2021 में लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
सत्यपाल मलिक ने 17 अक्टूबर 2021 को राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहते करोड़ों की रिश्वत ऑफर हुई थी। उस दौरान उनके पास दो फाइलें आई थीं। इनमें एक बड़े उद्योगपति और दूसरी महबूबा मुफ्ती और भाजपा की गठबंधन सरकार में मंत्री रहे एक व्यक्ति की थी। मलिक ने कहा था कि उनके सचिवों ने बताया कि इसमें घोटाला है, इसके बाद उन्होंने दोनों डील रद्द कर दी थीं।

मलिक ने ये भी कहा था कि उन्हें दोनों फाइलों के लिए 150-150 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया था। मलिक ने कहा, 'मैंने कहा था कि मैं पांच कुर्ता-पायजामे के साथ आया हूं और सिर्फ उसी के साथ यहां से चला जाऊंगा। जब CBI पूछेगी तो मैं ऑफर देने वालों के नाम भी बता दूंगा।'

CBI ने दो अलग-अलग मामलों में दर्ज की FIR
CBI ने इस मामले में 2 FIR दर्ज की थीं। पहली FIR लगभग 60 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट को जारी करने में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। यह रकम 2017-18 में जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का ठेका देने के लिए एक इंश्योरेंस कंपनी से रिश्वत के तौर पर ली गई थी।

दूसरी FIR 2019 में एक निजी फर्म को कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल वर्क के लिए 2,200 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। CBI इन दोनों मामलों की जांच कर रही है।

बयानों के चलते सुर्खियों में रहे मलिक
सत्यपाल मलिक कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरते रहे हैं। 2021 में किसान आंदोलन खत्म होने पर उन्होंने कहा था कि किसानों का धरना खत्म हुआ है, आंदोलन नहीं। उन्होंने 400 किसानों की मौत पर प्रधानमंत्री की तरफ से शोक सन्देश नहीं जाने पर भी तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए।

मलिक ने अपने रिटायरमेंट के बाद किसानों के लिए संघर्ष करने की बात कही थी। वहीं, रिश्वत का ऑफर, राष्ट्रपति चुनाव और उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत से जुड़े अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here