रायपुर-मुंगेली/ विशेष संवाददाता ———— छत्तीसगढ़ राज्य में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद को लेकर फिलहाल खींचतान की स्थिति बनी हुई हैं, पर ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनने के पीछे की सच्चाई केवल दिल्ली हाईकमान के पास हैं, लगातार भ्रामक खबरों के चलते छत्तीसगढ़ प्रदेशवासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई हैं और मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के बदले जाने की चर्चा मात्र से प्रदेशवासियों में भारी नाराजगी भी देखी गई हैं, कांग्रेस बहुमत आते ही मुख्यमंत्री के रूप में जब से भुपेश बघेल ने शपथ ली हैं तब से भूपेश सरकार किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों, गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों सहित पीड़ितों के पक्ष में हर संभव उनके विकास की कार्ययोजना बना उनके पक्ष में काम किया हैं, परंतु ऐसा प्रतीत हो रहा हैं मानों कुछ लिफाफा प्रेमी तथाकथित कलमकारों को विरोधियों द्वारा उत्कोच देकर भ्रामक खबरें भी फैलाई जा रही हैं, और ढाई-ढाई साल का हो-हल्ला शुरू कर दिया गया, जबकि महीनों पहले दिल्ली में हुए बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी पुनिया ने पत्रकारों को बता दिया था कि ढाई-ढाई साल में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई हैं, अब प्रदेश प्रभारी के इस प्रकार के व्यक्तव्य से आम जनता तो यही मानेगी न कि ऐसी कोई बात हाईकमान ने नहीं कही हैं बावजूद इसके प्रदेश से लेकर दिल्ली तक मुख्यमंत्री के ढाई-ढाई साल का मामला गर्माता दिख रहा हैं।
अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का हल्ला तेज हो गया हैं, छत्तीसगढ़ प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए राजनीति तेज हो गई है, हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थन में कुछ विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। सभी विधायक प्रदेश प्रभारी पुनिया से मुलाकात करने और प्रदेश में मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चा पर विराम लगाने की मांग करने की जानकारी सूत्रों के हवाले से मिल रही हैं।
हाल ही में दिल्ली गए विधायकों का नेतृत्व रामानुजगंज के विधायक बृहस्पत सिंह कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कुछ विधायक छत्तीसगढ़ सदन और कुछ विधायक होटल में रुके हैं। कल उनकी वापसी होनी थी पर जानकारी मिल रही कि उनका छत्तीसगढ़ आगमन रद्द हो गया हैं और प्रदेश के कई और विधायक आज-कल में दिल्ली जा रहे हैं। विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि पहले भी कांग्रेस के 60 विधायकों द्वारा लिखित और मौखिक रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में समर्थन दिया जा चुका हैं।
इन सभी बातों से एक बात तो छन के आ रही हैं वो ये हैं कि जब से ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री फार्मूले वाली बात को हवा लगी तब से मुंगेली जिला कांग्रेस कमेटी के अधिकांश कांग्रेसी मुख्यमंत्री भुपेश बघेल से दूरी बनाते हुए टीएस सिंहदेव के समर्थन में दिखाई देने लगे हैं, मुंगेलीवासियों ने बताया कि वैसे भी मुंगेली के अधिकांश कांग्रेसी नेताओं को अवसरवादी नेताओं के रूप में देखा जाने लगा हैं, क्योंकि मुंगेली जिले में मुख्य रूप से यह चर्चा के दौरान सुना गया कि जिला कांग्रेस कमेटी के बड़े पदाधिकारी सहित कई कांग्रेस नेता भगवान से यह प्रार्थना कर रहे हैं कि टीएस सिंहदेव जल्द ही मुख्यमंत्री बने, इसीलिये वे भगवान के दरबारों में हाजरी भी लगा रहे हैं, इसका कारण यह भी माना जा रहा कि मुंगेली जिले में एक भी विधानसभा में कांग्रेस का विधायक न होने से कुछ कांग्रेसियों को लगता हैं कि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल उनकी अनदेखी कर रहे ऐसे में इन कांग्रेसियों की इच्छा हैं कि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के बदले टीएस बाबा मुख्यमंत्री बन जाये, ताकि उनका उद्धार हो सके। नाम उजागर व प्रकाशित न करने की शर्त पे कांग्रेसी नेताओं ने ही बताया कि जिला कांग्रेस कमेटी में शीर्ष स्तर पर कुछ ऐसे भी गद्दार, महत्वकांक्षी नेता हैं जो मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की आये दिन आलोचना करते हैं और भुपेश बघेल को मुख्यमंत्री के रूप में देखने से उनकी आंखें न जाने क्यों चुभती हैं ? ये वही लोग हैं जो गैरकानूनी कार्य में संलिप्त हैं, और उनका कार्य सिद्ध न होने पर मुख्यमंत्री तक को कटघरे खड़े कर रहे हैं और भगवान से मन्नतें मांग रहे कि जल्द ही टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री बने। कांग्रेसी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली जिले में जिला कांग्रेस कमेटी के प्रमुख पदाधिकारी मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का साथ छोड़ते दिखाई दे रहे हैं और यह इच्छा जता रहे कि जल्द ही मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव बने। हालांकि दिनांक 03.10.2021 को मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का मुंगेली आगमन हो रहा, ऐसे में इस समाचार के प्रकाशन के बाद से ही जो कांग्रेसी टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते वे अब मजबूरीवश भुपेश बघेल के स्वागत में अपनी उपस्थिति देंगे।
फिलहाल मुख्यमंत्री बदलने का निर्णय दिल्ली हाईकमान करेगी परंतु जिस तत्परता और सक्रियता से मुख्यमंत्री भुपेश बघेल शासन चला रहे हैं उन्हें बदला नहीं जाना चाहिए, आम जनता का भी यही कहना हैं कि अगर मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाकर टीएस सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाता हैं तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।