धार
मध्यप्रदेश में सोयाबीन खरीदी में सबसे बड़ी समझी जाने वाली। धार कृषि उपज मंडी अब पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई है। मध्य प्रदेश सरकार ने 39 प्रमुख मंडीयो को पूरी तरह से पेपर लेस किया है । अर्थात ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत कर दिया है। उसमें धार कृषि उपज मंडी भी सम्मिलित है। जिसके अंतर्गत तोल कांटा पर्ची फसल की अनुमानित मात्रा। कृषि उपज का मंडी में आने का समय। तथा बिक्री का समय। एवं किस व्यापारी द्वारा कितनी उपज क्रय की गई है। कितनी मात्रा में क्रय की गई है। सब कुछ ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत होना है।
जिसका सीधा फायदा मंडी प्रशासन तथा किसानों को होगा। एक तो मंडी प्रशासन। कि यह जिम्मेदारी तय हो जाएगी की किसान। की फसल का विक्रय समय से होगा। क्योंकि जब सीजन में फसलों की आवक बढ़ती है? तब तीन-तीन दिनों तक किसानों की उपज का विक्रय नहीं हो पता है। अब ऑनलाइन होने से मंडी प्रशासन को समय सीमा में उपज का विक्रय करना होगा। दूसरा फायदा मंडी प्रशासन को। यह होगा कि व्यापारियों के लिए कर चोरी की राह आसान नहीं होगी
क्यो की मंडी प्रशासन के पास लिखित प्रमाण होगा की कीस व्यापारी ने कितना माल क्रय किया है जिसके परिणामस्वरूप मंडी के राजस्व मे बढोतरी होगी इससे पहले मंडी के कुछ कर्मचारीयो की मीली भगत से कई टन माल बिना कर चुकाये ही मंडी से बहार हो जाता था अब आन लाइन प्रकिया मे पुरी तरह से पारदर्शीता होगी कीसान भी आन लाइन ऐप के द्वारा घर बेठे ही अपनी पर्ची निकाल सकेंगे या मंडी गेट पर आकर आपनी पर्ची बना सकते है
तकनीकी अवरोध डीजीटल मंडी में सबसे बडी समस्या यह है की एक ही गेट से आना जाना हे कर्मचारीयो की संख्या आवक के हिसाबसे कम हे तकनीकी संसाधन भी नहीं हे एक ही कंप्यूटर हे अभी तो आवक कम हे जब आवक बडेगी
तब निपटान करना मुश्किल हो सकता हैं लम्बे जाम की स्थिति बार बार निर्मित होगी जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पुरी तरह धवसत हो जायेगी।
अधिकांश किसान गरीबी तथा अशिक्षित है वह यह सब प्रकिया नहीं कर सकेंगे मंडी कर्मचारी भी प्रशिक्षित नहीं है वह भी असहज स्थिति मे हे व्यापारी हुवे लामबन्द व्यापारीयो ने खुले तोर पर इसका विरोध शुरू कर दिया है उनका कहना है की पहले तो सरकार के नये नये कर से मर रहे हैं अब इस प्रक्रिया के लिए अलग-अलग मुनीम रखना होंगे जिससे खर्च ओर अधिक बड जायगा इसलिए हम इसका विरोध करेंगे।
इस मामले में क्या कहना है सचिव व्यापारी संघ का
शासन ने व्यापारियों को विश्वास मे लिए बिना ही तय कर लिया नियम हम नियम के विरोध में नहीं है पर सरलीकरण होना चाहिए जिससे व्यापारी तथा किसानों की फजीहत न हो अभी तो मंडी प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन ही नहीं हैः–
मुकेश राठोर सचिव मंडी व्यापारी संघ धार