कांकेर/बीजापुर.
बीजापुर जिले के कुटरू में पदस्थ छग सशस्त्र बल के चौथी बटालियन कंपनी कमांडर तिजऊराम भुआर्य की रविवार सुबह नक्सलियों ने कुल्हाड़ी मार कर हत्या कर दी। कंपनी कमांडर की जब हत्या की खबर घर गई तो उसके कुछ घंटे बाद ही उनकी भतीजी की बरपारा भानुप्रतापपुर में सगाई थी। तैयारी और खुशी में शामिल होने पूरा परिवार जुटा था।
इस खुशी के मंडप में लड़के वालों के आने का इंतजार था, लेकिन उससे पहले चाचा की शहादत की खबर आ गई और मातम छा गया। इसके बाद सगाई टाल दी गई। कुछ देर पहले तक सगाई पंडाल में दूल्हे के इंतजार में बैठे ग्रामीणों को अब उसी पंडाल में शहीद बेटे का शव आने का इंतजार है। कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर बरपारा निवासी सीएएफ की चौथी बटालियन के जवान तिजऊराम भुआर्य 45 साल वर्तमान में बीजापुर के कुटरू थाने के गांव दरभा में पदस्थ थे। 18 फरवरी रविवार को साप्ताहिक बाजार ड्यूटी करने पहुंचे थे। इस दौरान बाजार में एक जगह कुछ भीड़ थी। जानकारी लेने कंपनी कमांडर वहां पहुंचे। भीड़ में ग्रामीणों के बीच छुपे नक्सलियों ने उन पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। वे जमीन गिर गए और मौके पर ही मौत हो गई। हमला होते ही बाजार में भगदड़ मच गई। अन्य जवान भी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक नक्सली भाग चुके थे। रविवार को ही गृहग्राम बरपारा भानुप्रतापपुर में भतीजी की सगाई कार्यक्रम होना था। पूरी तैयारी हो गई थी। बालोद जिले के गांव डेढ़िया नवागांव से लड़के वाले आने वाले थे।
स्वागत के लिए पूरा गांव जुटा था। भानुप्रतापपुर के निकट गांव नारायणपुर में शहीद की पत्नी यशोदा व बच्चे निवासरत हैं। वे भी सगाई में शामिल होने बरपारा जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस वहां पहुंची। शहादत की जानकारी देकर परिवार को बरपारा लेकर आई और यहां भी शहादत की जानकारी दी। शहादत की खबर सुनते ही माता-पिता बिलख पड़े। पंडाल में खुशी मामत में बदल गई। वर पक्ष को भी जानकारी देते हुए सगाई कार्यक्रम स्थगित किया गया। जिस पंडाल में दूल्हे के आने का इंतजार था। वहां गांव वाले शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं।