रायपुर। छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बनेगा। ये बात शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कही। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कोदो, कुटकी एवं रागी की उत्पादकता बढ़ाने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद और 14 जिलों के साथ एमओयू किया गया। आई.आई.एम.आर. मिलेट उत्पादन बढ़ाने छत्तीसगढ़ के किसानों को तकनीकी जानकारी देगा। इससे उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना में मदद और प्रशिक्षण मिलेगी।
मिलेट उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य सरकार उपज की सही कीमत और आदान सहायता देने के साथ समर्थन मूल्य पर खरीदी, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की पहल की। मिलेट के प्रसंस्करण और वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को रोजगार मिलेगा। छत्तीसगढ़ के 20 जिलों के 85 विकासखण्डों में मिलेट्स का उत्पादन होता है।
प्रथम चरण में 14 जिलों कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर और सूरजपुर जिलों के साथ एमओयू किया गया। मिलेट मिशन में आगामी पांच वर्षों में 170 करोड़ 30 लाख रूपए खर्च किये जायेंगे।