रायपुर
वन मंत्री केदार कश्यप ने पूर्ववर्ती शासनकाल में सरगुजा वन वृत में लेंटाना उन्मूलन कार्य में मजदूरी भुगतान में की गई गड़बड़ी की जांच कराने की घोषणा की। इसके लिए विधायक प्रबोध मिंज से जहां जहां गड़बड़ी हुई है वहाँ की लिखित शिकायत भी मांगी।
बुधवार को विधानसभा में प्रश्न काल में मिंज ने यह मामला उठाया। मिंज ने कहा कि उन्होंने चार प्रश्न किए थे और लिखित में केवल जी हां, जी नहीं और प्रश्न उपस्थित नहीं होता है जैसे जवाब दिए गए हैं। मिंज ने पूछा कि लेंटाना उन्मूलन में कितने मजदूरों को नगद भुगतान किया गया। मिंज ने कहा कि कोविड काल में कैम्पा मद में बड़ी गड़बड़ी की गई। क्या इसकी ईओडब्लू से जांच कराएंगे।
मंत्री कश्यप ने कहा कि यह लेंटाना खरपतवार के उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार ने ही योजना बनाई है। वर्ष 2018-22 तक कैम्प और नरवा योजना से सरगुजा वन वृत के 8 वन मंडलों में काम हुआ था। इसमें 1,57,767 श्रमिकों को नगद और 75036 को नगद भुगतान किया गया। कश्यप ने कहा कि ये श्रमिक ऐसे इलाकों के हैं जहां 5 किमी के दायरे में भी बैंक नहीं हैं। इन्हें कलेक्टर, डीएफओ, पंच सरपंच और वन समितियों के अध्यक्षों की उपस्थिति में भुगतान किया जाता है। मंत्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश में 4 लाख हेक्टेयर में लेंटाना उन्मूलन का काम हुआ है।
विधायक मिंज ने कहा कि 75 हजार श्रमिकों को नगद भुगतान, यह छोटे मोटे आंकड़े नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कहा कि यह महत्वपूर्ण विषय है। नगद भुगतान गंभीर बात है। पेमेंट की व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है। भविष्य में नगद भुगतान से बचें। मंत्री कश्यप ने कहा कि 2014 में केंद्र ने बैंक विहीन इलाकों में नगद भुगतान के निर्देश जारी किए थे। हम बैंक और खाते खुलवा रहे हैं। मिंज ने कहा कि आपदा काल में अवसर ढूंढा गया। भुगतान की जांच कराई जाए। राशि की बंदरबाट हुई है। श्रमिकों को भुगतान नहीं किया गया। अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की व्यवस्था पर मंत्री कश्यप ने कहा कि मिंज से लिखित में शिकायत देने और उसकी जांच कराने की घोषणा की।