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मुख्यमंत्री साय ने कहा डीएमएफ खर्च के लिए कलेक्टर, विधायक सांसदों वाली कमेटी

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रायपुर

सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि डीएमएफ मद को लेकर भारी शिकायतें मिली थी, मद का बंदरबांट हो रहा था। इसलिए अप्रारंभ कार्यों को रोकने के आदेश दिए गए हैं। प्रश्नकाल में कांग्रेस के कवासी लखमा नेअपने तारांकित प्रश्न में बस्तर संभाग के जिलों में निरस्त कार्यों की जानकारी मांगी थी। कवासी ने दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर में कार्यों की जानकारी मांगी। इस पर स्पीकर डॉ रमन सिंह ने कवासी से कहा कि आपने जो जानकारी मांगी वह सब कुछ लिखित में सीएम ने दे दी है। कोई अन्य प्रश्न हो तो करिए। कवासी ने निरस्त करने का कारण पूछा।

इस पर सीएम ने जवाब में कहा कि डीएमएफ खर्च के लिए कलेक्टर, विधायक सांसदों वाली कमेटी बनी हुई है। जो केंद्रीय नियमों से चलती है। इन कमेटियों ने कार्यों को निरस्त नहीं अप्रारंभ कार्यों को रोका गया है। क्योंकि मद के बंदर बांट की भारी शिकायतें मिल रही थी। कवासी ने कहा कि कार्य स्वीकृत होने के बाद निरस्त किया गया है। क्या ऐसे अफसरों पर कार्रवाई करेंगे? सीएम साय ने परीक्षण करा लेने का आश्वासन दिया। कवासी ने कहा कि नक्सल प्रभावित सुकमा जिले की कमेटी ने कोंटा के 14 काम निरस्त किए हैं। इनमें गोलापल्ली में सामाजिक भवन, जगरगुंडा जैसे इलाके के काम हैं।

सीएम साय ने कहा कि स्वीकृति और निरस्त करने का अधिकार जिला डीएमएफ कमेटी को है, जिसमें आप भी सदस्य हैं। कवासी ने कहा कि कमेटी की बैठकों में विधायकों को नहीं बुलाया जा रहा। कवासी मे इन कमेटियों में जिला पंचायत, जनपद नगर पालिका के अध्यक्ष के शामिल करने का मुद्दा उठाया। सीएम ने कहा कि यह नई बात नहीं है। नियम केंद्र सरकार ने बनाया है। यदि नहीं बुलाया जा रहा है तो दिखवा लेंगे। विधायक विक्रम मंडावी ने स्कूलों से संबंधित जन उपयोगी स्वीकृत, प्रगतिरत कार्यों को रोकने निरस्त करने की जानकारी देते हुए पुन: शुरू कराने के आदेश की मांग की। सीएम साय ने परीक्षण करा लेने की बात कही।

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