बिलासपुर संभाग/ फर्जी डिग्रियों की सौदेबाजी के आरोपों में घिरे सीवी रमन विश्वविद्यालय पर शासन-प्रशासन बेहद मेहरबान हैं इसीलिए प्रशासनिक तौर पे इस यूनिवर्सिटी पर कार्यवाही होने की उम्मीद न के बराबर हैं, हालांकि फर्जी डिग्री मामले में कोटा के थाने में पहले भी इस यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं परंतु उक्त मामला हाईकोर्ट में लंबित हैं, उसकी प्रकार फर्जी डिग्री व अनियमितता के एक अन्य मामलें में ही हाईकोर्ट ने 4 हफ्ते में जवाब देने का अंतिम अवसर दिया गया हैं वरना हर्जाने के तौर पे एक-एक लाख देने का भी आदेश दिया हैं।
अभी हाल ही में पुलिस चौकी खरसिया में दिनांक 29.08.2021 को आईसेक्ट कंप्यूटर सेंटर खरसिया संस्था कोड A673685 प्रार्थी सीमा राठौर द्वारा डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय बिलासपुर द्वारा रिजल्ट नहीं दिए जाने के संबंध में लिखित शिकायत किया गया, शिकायत में प्रार्थिया ने बताया कि उनके संस्था में अध्ययनरत विद्यार्थियों की अंकसूची विश्वविद्यालय द्वारा विगत कुछ वर्षों से भेजी नही जा रही है, और विश्वविद्यालय के मुक्त एवं दूरवर्ती शिक्षा संस्थान के डायरेक्टर अरविंद तिवारी द्वारा उनके संस्था के विद्यार्थीयों की अंकसूची द्वेषभावना से रोक कर रखा गया है, जिससे उनके संस्था में अध्ययनरत विद्यार्थीयों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। उक्त विद्यार्थीयों द्वारा बार-बार उनके संस्था में आकर अंकसूची के लिये निवेदन किया जाता है, और प्रार्थिया द्वारा सीवी रमन विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से फोन कॉल एवं व्हाट्स एप्प के माध्यम से निवेदन करने के पश्चात् भी आज पर्यन्त तक रिजल्ट से संबंधित सिर्फ अश्वासन ही दिया गया है, लेकिन रिजल्ट नही दिया गया, जिससे विद्यार्थीयों का भविष्य संकट की स्थिति में है। प्रार्थिया ने चौकी प्रभारी खरसिया से निवेदन किया हैं कि सीवी रमन विश्वविद्यालय के उपर उचित कार्यवाही कर संस्था में अध्ययनरत विद्यार्थियों की अंकसूची के संबंध में दिलावे ताकि विद्यार्थियों का भविष्य और खराब न हो। उक्त शिकायत के पत्र के बाद उक्त आवेदन शिकायत को चौकी पुलिस द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 155 के तहत हस्तक्षेप-अयोग्य एवं असंज्ञेय मानते हुए न्यायालय की शरण जाने की समझाइश दे दी गई। बहरहाल अब देखना हैं कि अंकसूची न मिलने पर विद्यार्थियों के लिए यह लड़ाई कहाँ तक जारी रहती हैं।