नई दिल्ली
इनकम टैक्स को लेकर मध्य वर्ग को चुनावी वर्ष में राहत की उम्मीद थी, लेकिन बजट 2024 में निराशा ही हाथ लगी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने मौजूदा सरकार का अंतिम बजट पेश करते हुए कहा कि इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। डायरेक्ट व इनडायरेक्ट टैक्स की दरें भी यथावत रहेंगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टैक्स रिटर्न की प्रक्रिया में लगाने वाला समय 2014 में 93 दिन से घटकर अब 10 दिन रह गया है, रिफंड तेजी से किया गया।
ओल्ड टैक्स रिजीम का हिसाब
वर्ष 2019 में चुनाव से ठीक पहले अतंरिम बजट पेश करते हुए सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए कुछ बड़े ऐलान किए थे। इसको देखते हुए सैलरीड क्लास को उम्मीद थी कि इस बार भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में यह समझ ले कि अब टैक्स के मोर्चे पर आपके सामने क्या विकल्प हैं। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपये तक की आय ही टैक्स फ्री रहेगी, लेकिन अगर आपकी कुल सालान इनकम 5 लाख रुपये या उससे कम है तो आईटी ऐक्ट के सेक्शन 87ए के तहत कोई टैक्स नहीं देना होगा।
हालांकि, जिनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से एक रुपया भी अधिक है, उनको ढाई लाख से ऊपर की पूरी राशि पर टैक्स देना होगा। इसे ऐसे समझें, जिनकी आय 5 लाख रुपये से अधिक है उन्हें 2.5 लाख से 5 लाख तक की इनकम पर 5% के हिसाब से 12,500 रुपये टैक्स देना होगा। उसकी बाद की राशि पर 5 लाख से 10 लाख तक पर 20% और उससे ऊपर की राशि पर 30% टैक्स देना पड़ता है।
नई टैक्स रिजीम का गणित
नई टैक्स रिजीम का विकल्प चुनने पर 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा। इसमें भी सेक्शन 87ए के तहत सैलरीड पर्सन 7.5 लाख रुपये तक की इनकम पर और अन्य लोग 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं। सैलरीड क्लास की साढ़े सात लाख तक की इनकम पर टैक्स लायबिलिटी जीरो होनी की वजह यह है कि पुरानी रिजीम की तरह नई रिजीम में भी पिछले साल 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है और यही सिर्फ सैलरीड क्लास को मिलता है।
इससे पहले मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के शुरू में कहा कि सरकार का दृष्टिकोण सबका साथ, सबका वश्विास है और इसके अनुरूप सरकार काम कर रही है। सीतारमण का वित्त मंत्री के रूप में यह छठा बजट है। वित्त मंत्री ने कहा कि सामाजिक कल्याण के लिए सरकार ने सर्वांगीण, सर्वस्पर्शी और सर्व समावेशी नीति और कार्यक्रम लागू किए तथा भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद को खत्म किया है। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत जनधन खातों के जरिये 34 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। इससे 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई, जिससे कल्याणकारी योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था हो पाई।